लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जूनियर इंजीनियर (जेई) की भर्ती परीक्षा 2016 और 2018 को रद्द किए जाने की मांग उठी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए इन भर्ती परीक्षाओं में बीटेक अभ्यर्थियों को भी शामिल करने की मांग की जा रही है।
ग्रेजुएट इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशयन यूपी (Graduate Engineering Students Welfare Association up) ने कहा है कि बीटेक डिग्रीधारकों की संख्या 10 लाख से उपर है। एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक सिंह ने कहा कि जूनियर इंजीनियर परीक्षा 2016 और 2018 को स्थगित या रद्द किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में यह साफ किया है कि उच्च शिक्षा या योग्यता को नौकरी पाने के लिए अवगुण या दोष नहीं माना जा सकता है ।
दीपक सिंह ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय ने हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए एक अहम फैसले में कहा कि उच्च शिक्षा या योग्यता को नौकरी पाने के लिए अवगुण या दोष नहीं माना जा सकता है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने BE / Btech डिग्रीधारियों को हिमाचल प्रदेश के राज्य बिजली बोर्ड में जूनियर या इंजीनियर की भर्ती में शामिल करने का आदेश दिया है।
उन्होंने कहा कि जैसा कि सुप्रीम कोर्ट की अदालत ने जेई पदों के लिए बीटेक डिग्री धारकों को शामिल करने का आदेश दिया है और यह भी उल्लेख किया है कि जेई पदों के लिए डिग्री धारकों को बाहर निकालने का कोई मतलब नहीं है। क्योंकि, जेई पदोन्नति के बाद 50% एई पदों पर नियुक्त होते हैं। जिसके लिए डिग्रीधारी होना आवश्यक है। केवल यूपी में ही लगभग 10 लाख से अधिक बीटेक डिग्री धारक बेरोजगार हैं।
दीपक सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए उत्तर प्रदेश में जूनियर इंजीनियर पदों पर भर्ती में बीटेक अभ्यर्थियों को भी शामिल करें। साथ ही जूनियर इंजीनियर भर्ती परीक्षा 2016 और 2018 को रद्द किया जाएं या फिर डिग्री धारकों को भी उक्त भर्ती में आवेदन करने का मौका दिया जाए।