लखनऊ: मुख्यमंत्री आज कई ग्रामीणों के चेहरे पर हंसी-खुशी लायेंगे। सरकार के माध्यम से 11 जिलों के 1.5 लाख से अधिक ग्रामीणों को घरौनी दी जायेगी। पहले योगी आदित्यनाथ कुछ लोगों को डिजिटल माध्यम से यह दस्तावेज देंगे, इसके बाद राजस्व विभाग आगे की कमान संभालेगा।
1001 गांवों तक जायेगी सौगात
इस सुविधा का फायदा 1001 गांव के लोग उठा पायेंगे। इसके तहत कुल 157244 लोग आयेंगे। पूरी प्रक्रिया को सही तरीके से संपन्न करवाने के लिए ड्रोन सर्वे की मदद ली जा रही है। इस सर्वे के आधार पर वास्तविक ग्रामीण आबादी और मौजूद घरों का लेखाजोखा तैयार होगा। इसके साथ आवास के क्षेत्रफल पर भी और स्पष्टीकरण प्राप्त होगा।
आखिर क्या है घरौनी
केंद्र सरकार की स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण आवासीय अभिलेख प्रदान करने की पहल हुई थी। इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा 11 अक्टूबर को की गई थी। इस वर्चुअल शुभारंभ में प्रधानमंत्री के द्वारा उत्तर प्रदेश के 346 गाँव भी शामिल किए थे। उस वक्त 37 जिलों के ग्रामीणों को यह दस्तावेज उपलब्ध करावाये गये थे।
गांव में उपलब्ध हर तरह की भूमि का दस्तावेज रेवेन्यू विभाग के पास होता है। जिनमें कृषि भूमि, ग्राम सभा, बंजर भूमि शामिल होती है। लेकिन कई ऐसे घर जो आबादी में बने होते हैं, उनका मालिकाना हक साबित करने के लिए आम जनता के पास कोई दस्तावेज नहीं होता। घरौनी के माध्यम से यही दस्तावेज उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसमें सभी घरों की एक यूनिक आईडी होगी, जिसके माध्यम से वह उस पर अपना मालिकाना हक जता पाएंगे।
इन 11 जिलों के ग्रामीण होंगे लाभान्वित
आजमगढ़, कौशाम्बी, चित्रकूट, जालौन, झांसी, फतेहपुर, बांदा, महोबा, ललितपुर, वाराणसी, हमीरपुर इन सभी जिलों के ग्रामीणों को घरौनी उपलब्ध करवाई जाएगी। जालौन जिले के सबसे ज्यादा 187 गांव शामिल हैं। दूसरे नंबर पर ललितपुर से 183, महोबा और हमीरपुर से 139 गांव इस सूची में दर्ज हैं।