देहरादून। उत्तराखंड के जोशीमठ के रेनी में ग्लेशियर टूटने से आस.पास के इलाकों के अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है। ग्लेशियर टूटने की वजह चमोली जिले के तपोवन क्षेत्र में रेणी गांव में एक बिजली परियोजना के पास अचानक हिमस्खलन के बाद धौलीगंगा नदी में जल स्तर बढ़ गया है। जिसके चलते सीएम ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए है। इसके साथ ही आपदा प्रबंधन विभाग और पुलिस द्वारा लागों का रेस्क्यू किया जा रहा है। इसके साथ मिली जानकारी के अनुसार ग्लेशियर फटने से अबतक 10 लोगों की मौत हो गई है। वहीं 150 लोगों के लापता होने की आशंका जताई जा रही है।
श्रीनगर में जीबीके बांध और ऋषिकेष के वीरभद्र डैम से पानी छोड़ने के निर्देश-
बता दें कि चमोली जिले के रैणी गांव के ऊपर वाली गली से ग्लेशियर टूट गया है जिस कारण यहां पावर प्रोजेक्ट ऋषि गंगा को भारी नुकसान हो गया है। साथ ही धौलीगंगा ग्लेशियर की तबाही के साथ तपोवन में बैराज को भी भारी नुकसान की सूचना मिल रही है। इसके साथ ही सीएम ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पानी के बहाव को देखते हुए टिहरी बांध के पानी को रोकने के निर्देश दिए गए हैं। श्रीनगर में जीबीके बांध और ऋषिकेष के वीरभद्र डैम से पानी छोड़ने के निर्देश दिए गए हैं। ताकि बांध में पानी के लिए जगह बनाई जा सके।
तपोवन डैम के सुरंग में फंसे 20-25 लोग-
इसके साथ ही सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि अगर आप प्रभावित क्षेत्र में फंसे हैं और आपको किसी तरह की मदद की जरूरत है तो आपदा परिचालन केंद्र के नम्बर 1070 या 9557444486 पर संपर्क करें। कृपया घटना के बारे में पुराने वीडियो से अफवाह न फैलाएं। वहीं एनडीआरएफ के 200 जवानों को भेजा गया है। इसके साथ ही डीजी ITBP सुरजीत सिंह देसवाल ने कहा कि ऋषिकेश से 13-14 किलोमीटर की दूरी पर तपोवन डैम है, जहां पर पानी इकट्ठा हुआ है। तपोवन डैम के सुरंग में काम चल रहा था, जिसमें 20-25 लोग फंसे हुए हैं।