नई दिल्ली। पाकिस्तान एक छोटा आबादी वाला देश है और उसकी आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है। लेकिन वह अपने कारनामों से बाज नहीं आता है। लगातार दूसरे देशों पर जुबानी हमले करता रहता है। जिसके चलते उसे हर बार मुंह की खानी पड़ती है। अभी कुछ दिनों पहले फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पैगंवर मोहम्मद के कार्टून का समर्थन किया था। जिसके बाद सभी देशों में उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे थे। इस विरोध में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इमैनुएल मैक्रों के पैगंबर मोहम्मद के कार्टूनों को समर्थन देने की आलोचना की थी। जिसके बाद आज पाकिस्तान ने अपने मिराज फाइटर जेट, एयर डिफेंस सिस्टम और अगोस्टा 90B पनडुब्बियों को अपग्रेड करने के लिए मदद मांगी थी लेकिन फ्रांस ने इस अनुरोध को ठुकरा दिया।
शार्ली हेब्दो मैगजीन में ही छपे थे पैगंबर मोहम्मद के कार्टून-
बता दें कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के पैगंबर मोहम्मद के कार्टूनों को समर्थन देने की आलोचना की थी जिसकी वजह से फ्रांस ने ये कदम उठाया है। जिसके बाद फ्रांस ने कतर से भी कहा है कि वो पाकिस्तानी मूल के टेक्नीशियन्स को अपने फाइटर जेट पर काम ना करने दे क्योंकि वे फाइटर के बारे में तकनीकी जानकारी पाकिस्तान को लीक कर सकते हैं। ये फाइटर जेट भारत के डिफेंस की सबसे अहम कड़ी हैं। पाकिस्तान अतीत में भी संवेदनशील जानकारियां चीन के साथ साझा करता रहा है। फ्रांस ने पाकिस्तानी शरणार्थियों के अनुरोध को लेकर भी कड़ी समीक्षा करना शुरू कर दिया है। सितंबर महीने में, 18 साल के पाकिस्तानी मूल के अली हसन ने शार्ली हेब्दो नाम की फ्रांसीसी मैगजीन के पुराने दफ्तर के बाहर दो लोगों पर हमला कर दिया था। उसके पिता पाकिस्तान में रहते हैं। उन्होंने एक न्यूज चैनल से कहा था कि उनके बेटे ने बहुत शानदार काम किया और वो हमले को लेकर बहुत खुश हैं। शार्ली हेब्दो मैगजीन में ही पैगंबर मोहम्मद के कार्टून छपे थे।
पहले जर्मनी ने पाकिस्तान से जताई थी नाराजगी-
भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने जब 29 अक्टूबर को फ्रांस का दौरा किया था तो फ्रांस की सरकार ने उन्हें इस फैसले की जानकारी दी थी। फ्रांस ने श्रृंगला को आश्वस्त किया कि वो अपने रणनीतिक साझेदार के सुरक्षा हितों को लेकर बेहद संवेदनशील है और उसने भारत के लिए संभावित खतरों को देखते हुए पाकिस्तानी मूल के टेक्नीशियन को राफेल फाइटर जेट से दूर रखने के लिए कहा है। इससे पहले, जर्मनी की चांसलर एजेंला मार्केल ने पाकिस्तान की पनडुब्बियों के अपग्रेड करने के अनुरोध को खारिज कर दिया था। मई 2017 में काबुल में जर्मनी दूतावास के बाहर हुए आतंकी हमले के दोषियों की पहचान ना कर पाने को लेकर जर्मनी ने पाकिस्तान की सरकार से नाराजगी जताई थी।