नई दिल्ली। देश के महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशन के तहत एक साथ रिकॉर्ड बीस उपग्रहों के लांचिंग के लिए 48 घंटे की उल्टी गिनती सोमवार सुबह 9 बजकर 26 मिनट से शुरू हो गई है। इन उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए पोलर सैटेलाइट लांच व्हीकल पीएसएलवी-सी34 का इस्तेमाल किया जाएगा। इनमें भारत का भू सर्वेक्षण अंतरिक्ष यान काटरेसैट-2 शामिल है। 22 जून को सुबह 9.26 मिनट पर अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे प्रक्षेपण स्थल से प्रक्षेपण किया जाएगा।
सभी 20 उपग्रहों का वजन करीब एक हजार 1288 किलोग्राम बताया जा रहा है। इनमें अमेरिका, कनाडा, जर्मनी और इंडोनेशिया के साथ ही भारतीय विश्वविद्यालयों के दो उपग्रह भी शामिल हैं।
इन उपग्रहों में 725.5 किलोग्राम वजनी भारत का पृथ्वी पर्यवेक्षण अंतरिक्ष यान काटरेसैट-2 श्रृंखला का उपग्रह शामिल है, जबकि अन्य 19 उपग्रहों में 560 किलोग्राम के अमेरिका, कनाडा, जर्मनी और इंडोनेशिया के साथ-साथ चेन्नई के सत्यभामा विश्वविद्यालय और पुणे के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के दो उपग्रह शामिल हैं।
रिकॉर्ड बीस उपग्रह एक साथ भेजने के अलावा इस महत्वकांक्षी मिशन की एक और खूबी होगी पीएसएलवी सी-34 के जरिए उपग्रहों के पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित होने पर ही यह गतिविधि अतीत के अन्य मिशनों की तरह संपन्न नहीं होगी। इससे पहले इसरो ने साल 2008 में एक साथ 10 उपग्रहों को प्रक्षेपित कर रिकॉर्ड बनाया था।