अमेरिका और चीन के बीच लगातार विवाद बढ़ता ही जा रहा है। जिसकी वजह से अमेरिका ने चीन को चार दिन के अंदर अमेरिका में मौजूद दूतावास छोड़ने के आदेश दे दिये हैं। लेकिन चीन ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए दूतावास छोड़ने से इंकार कर दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार तक चीनी वाणिज्य दूतावास को खाली करने का आदेश दिया था। उधर, चीन के ह्यूस्टन स्थित महावाणिज्य दूत काई वेई ने कहा कि उनका कार्यालय ‘अगले आदेश तक खुला रहेगा।’
चीनी वाणिज्य दूत ने कहा कि चीन ने अमेरिका से दूतावास को बंद करने के अपने आदेश को वापस लेने के लिए कहा है। चीन ने दलील दी है कि यह वियना समेत अन्य अंतरराष्ट्रीय समझौतों का उल्लंघन है।चीन ने कहा, ‘हम हर तरह के हालात के लिए तैयार हैं लेकिन हमने कड़ा विरोध भी दर्ज कराया है…हम अमेरिका से अनुरोध करते हैं कि अपने अवैध आदेश को वापस ले।’ चीनी वाणिज्य दूत का यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब चीन ने अमेरिका को अपने चेंगदू में स्थित वाणिज्य दूतावास को बंद करने का आदेश दिया है। चेंगदू में स्थित अमेरिकी वाणिज्य दूतावास चीन में कई प्रांतों का कामकाज देखता है। इसी केंद्र के पास तिब्बत स्वायत्तशासी इलाके की भी जिम्मेदारी है। माना जा रहा है कि तिब्बत को लेकर अमेरिकी कदम को देखते हुए चीन ने यह कदम उठाया है।
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अमेरिका के इस कदम के बाज चीन बुरी तरह से तिसमिला गया है। और अमेरिका को इसके अंजाम भुगतने की चेतावनी दे रहा है। चीन की इन्ही हरकतों को देखते हुए अमेरिका हर हाल में चीन को अपने देश से बाहर करना चाहता है। अमेरिका के इस फैसले के बाद चीन और अमेरिका के बीच काफी विवदा बढ़ गया है।