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मैन्यूफैक्चरिंग के छह क्षेत्रों में जल्द ही कुछ बड़े बदलाव

pm modi मैन्यूफैक्चरिंग के छह क्षेत्रों में जल्द ही कुछ बड़े बदलाव

मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में विश्व के स्तर पर चीन को मुकाबला देने के लिए सरकार छह क्षेत्रों में जल्द ही कुछ बड़े बदलाव करने वाली है। इन छह क्षेत्रों में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, लॉजिस्टिक्स, जमीन, क्लस्टर व सेज, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश एवं बिजली शामिल हैं। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड ने इन छह क्षेत्रों में सुधार के लिए पूरा ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय से हरी झंडी मिलते ही इसपे काम शुरू किया जाएगा।
पिछले दो साल में भारत के ग्रास वैल्यू एडेड में मैन्यूफैक्चरिंग की हिस्सेदारी घटती जा रही है। वर्ष 2017-18 में यह हिस्सेदारी 16.4 फीसद थी जो 2019-20 में घटकर 15.1 फीसद रह गई है। मैन्यूफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने जीवीए में मैन्यूफैक्चरिंग की हिस्सेदारी को एक ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य है जो अभी मात्र 0.37 ट्रिलियन डॉलर है।

1.ईज ऑफ डूइंग बिजनेस
केंद्र व राज्य दोनों ही स्तर पर श्रम कानून में सुधार होगा।
सरकार फिजिकल प्रोसेस को पूरी तरह से खत्म करके डिजिटल प्रोसेस शुरू करेगी। 

2.एफडीआइ
इस साल के बजट प्रावधान के मुताबिक इंवेस्टमेंट क्लीयरेंस सेल बनेगा। एफडीआइ पॉलिसी 2020 जल्द ही रिलीज की जाएगी।

3 .लॉजिस्टिक्स
सभी इंडस्ट्रीयल हब, पोर्ट तक लॉजिस्टिक सुविधा उपलब्ध होगी। सड़क एवं रेल दोनों के विकास के लिए व्यापक कार्यक्रम चलाए जाएंगे।

4.लैंड
जमीन के सारे रिकार्ड का डिजिटाइजेशन किया जाएगा।

5.क्लस्टर व सेज
क्लस्टर के विकास के लिए मजबूत क्लस्टर डेवलपमेंट रणनीति तैयार की जाएगी। मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर स्कीम के नियमों को उद्योग विभाग अंतिम रूप दे रहा है।

6.बिजली
भारत में बिजली के थोक बाजार को विकसित किया जाएगा। औद्योगिक इकाइयां बिजली उत्पादक कंपनियों से सीधे तौर पर बिजली खरीद सकेंगी। 

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