इस वक्त हर देश कोरोना वायरस को हराने के लिए जतन कर रहा है। यहां तक कि इस वायरस को मात देने में अमेरिका, इटली, स्पेन जैसे शक्तिशाली देश भी हार गए। कोई भी इस पर काबू नहीं कर पाया है।
नई दिल्ली। इस वक्त हर देश कोरोना वायरस को हराने के लिए जतन कर रहा है। यहां तक कि इस वायरस को मात देने में अमेरिका, इटली, स्पेन जैसे शक्तिशाली देश भी हार गए। कोई भी इस पर काबू नहीं कर पाया है। यहां तक की भारत भी इस जंग में अभी पीछे ही चल रहा है। लेकिन इस जंग में जापान आगे रहा जिसने अपनी जनता के कारण इस जंग को काफी हद तक जीत लिया है। जापान देश अपने पर्यटक और काम के लिए जाना जाता है। जापान में कोरोना के संक्रमण को देखते हुए एक महीने के लिए इमरजेंसी लगाई गई थी। लेकिन यहां कि सरकार ने किसी को भी इस बात के लिए मजबूर नहीं किया था कि वो अपना काम रोक देंष लेकिन यहां कि जनता ने खुद समझदारी दिखाई और अपनी दुकाने बंद कर मास्क पहनने शुरू कर दिए साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी खास ख्याल रखा।
जापान में अपने पैर नहीं जमा पाया कोरोना
बता दें कि जपान में बाकी देशों की तरह टेस्टिंग भी इतनी ज्यादा नहीं की गई। लेकिन इसके बाद भी यहां कोरोना अपने पैर नहीं जमा पाया। आज जापान में महज 16851 केस हैं। बाकी देशों के मुकाबले यहां मौतें भी बहुत कम हुई हैं। यहां अब तक 900 से भी कम मौते हुई हैं जबकि और देशओं में ये आंकड़ा हजारों लाखों के पार है। जापान के प्रधानमंत्री अबे ने कहा कि हम संक्रमण की लहर को तोड़ने में लगभग पूरी तरह कामयाब रहे हैं और सब हमारी जनता के कारण हुआ है। जिसने बहुत ही समझदारी दिखाई है।
लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के लिए जागरूक किया
यहां की सरकार ने लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी को रोकने के बजया लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के लिए जागरूक किया और कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग पर फोकस किया। सरकार के उपाय और लोगों की समझदारी से जापान में कोरोना का संक्रमण फैलने से रोका गया। यूनिवर्सिटी ऑफ हॉन्गकॉन्ग के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के निदेशक कीजी फुकुदा का कहना है कि एक व्यक्ति के ऐक्शन छोटे लग सकते हैं, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग को पूरे देश में मिलकर लागू करने का प्रयास एक ठोस कदम हो सकता है।
वहीं शोधकर्ताओं ने बताया कि जिसमें भी हल्के बुखार के लक्षण देखए जाएं उनका जांच होनी चाहिए और जिसमें कोरोना के लक्षण ज्यादा पाए जाएं औसत 10 कॉन्टेक्ट्स की जांच की जाए। इसके साथ ही जापान ने संक्रमण को रोकने के लिए जापान ने लोगों को सावधान कर दिया था कि जिसको भी चार दिन तक तेज बुखार हो और कोरोना के लक्षण महसूस हो रहे हो वो मदद मांगे। वहीं जिन लोगों की उम्र 60 साल थी उनके लिए ये सीमा 2 दिन थी। यानि बुजुर्ग दो दिन बुखार आने पर मदद मांगे। मेडिकल एक्सपर्ट्स ने बताया कि देश में इस तरह की गाइडलाइंस को हॉस्पिटल और संसथान बचाने के लिए किया गया है। जापान ने जब से कोरोना के लक्षण वाले लोगों को रियायत दी है। उसके बाद से जापान एंटीबॉडीज के लिए सीमित टेस्टिंग की तैयारी कर रहा है। इसके अलावा कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए स्मार्टफोन एप पर भी विचार किया जा रहा है।