नई दिल्ली। पटियाला और राजपुरा के चारों प्रमुख कोरोना कैरियर (वाहक) के खिलाफ पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्जकर लिया है। कोरोना कैरियर्स के खिलाफ पंजाब में यह पहली कार्रवाई है। आरोप है कि कर्फ्यू लगा होने के बावजूद चारों आरोपी सरकार के आदेशों का उल्लंघन करते हुए अपने-अपने शहरों के विभिन्न इलाकों के अलावा दूसरे शहरों में भी आते-जाते रहे। ये लोग कोरोना का शिकार बने और बाद में इनकी लापरवाही से बड़ी संख्या में अन्य लोग भी इस खतरनाक वायरस की चपेट में आ गए।
बता दें कि एसएसपी मनदीप सिंह सिद्धू ने बताया कि पटियाला के सफाबादी गेट एरिया का रहने वाला जूतों की दुकान का मालिक कृष्ण कुमार गाबा और कच्चा पटियाला एरिया निवासी पुस्तक विक्रेता कृष्ण कुमार बंसल कुछ अन्य अज्ञात लोगों के साथ प्रशासन के आदेशों का उल्लंघन करते हुए कर्फ्यू के दौरान भी अपना बिजनेस चलाते रहे। दोनों अपने बिजनेस के सिलसिले में पटियाला के विभिन्न इलाकों में गए।
वहीं नजदीकी गांव कौली और मोहाली तक इन्होंने यात्रा की। बाद में ये दोनों दुकानदार कोरोना पॉजिटिव हो गए और इनकी लापरवाही के कारण बड़ी गिनती में अन्य लोग भी इस वायरस की चपेट में आ गए। आरोपियों के खिलाफ धारा 188, 269, 271 आईपीसी और 51 ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत थाना कोतवाली में केस दर्ज किया गया है।
सट्टेबाजी का करते थे काम, कर्फ्यू पास बनवाकर घूमते थे दोनों भाई
पुलिस की जांच में पता चला है कि राजपुरा की पहली पॉजिटिव पाई गई 60 साल की महिला के दोनों बेटे कर्फ्यू पास बनवाकर राजपुरा के अलावा दूसरे शहरों में भी आते जाते रहे। सूत्रों के अनुसार दोनों डेराबस्सी और जीरकपुर आते जाते रहते थे। सिविल सर्जन डॉ. हरीश मल्होत्रा ने बताया कि दोनों सट्टेबाजी का काम करते थे और हुक्का बार वगैरह भी चलाते थे।
कर्फ्यू के दौरान भी दोनों यह सब करते रहे। बाद में दोनों पॉजिटिव पाए गए, जिससे साफ हो गया कि दोनों भाइयों की वजह से उनकी मां तक कोरोना पहुंचा है। डीएसपी एएस औलख ने बताया कि कोरोना की शुरुआत करने वाले दोनों भाइयों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। एपिडोमोलोजिस्ट डॉ. सुमित कुमार ने बताया कि महिला के बेटों का यात्रा इतिहास सामने आया है। साथ ही पता चला है कि एक बेटे को बुखार भी आया था, इसलिए लगता है कि युवक ही पहले कोरोना की चपेट में आया होगा।