देहरादून। लगभग दस वर्षों के अंतराल के बाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) श्रीनगर गढ़वाल के स्थायी परिसर की आधारशिला शनिवार को श्रीनगर के निकट सुमाड़ी गाँव में रखी गई। उत्तराखंड के राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री रमेश पोखरियाल han निशंक ’इस समारोह में उपस्थित थे।
इस अवसर पर राज्यपाल ने राज्य को एनआईटी का उपहार देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया और इस दिशा में सीएम, मानव संसाधन विकास मंत्री और राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि एनआईटी के शिक्षकों और छात्रों को एक स्थायी परिसर की अनुपस्थिति के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ा था और उम्मीद थी कि निर्माण कार्य वर्ष 2022 में पूरा हो जाएगा जब देश की स्वतंत्रता के 75 साल भी पूरे हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य की नियमित निगरानी की आवश्यकता है ताकि यह समय पर पूरा हो सके। मौर्य ने कहा कि एनआईटी जैसे संस्थान का मूल उद्देश्य इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में देश की तकनीकी आवश्यकता को पूरा करना है लेकिन यह तकनीक सस्ती और आसानी से उपलब्ध होनी चाहिए। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि एनआईटी ने राज्य को प्रभावित करने वाले भूस्खलन और अन्य प्राकृतिक आपदाओं की समस्या पर विशेष शोध करने का निर्णय लिया है।
राज्यपाल ने कहा कि एनआईटी विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्टता केंद्र बनेगा। सीएम ने कहा कि कई लोगों को संदेह था कि एनआईटी को राज्य से बाहर स्थानांतरित कर दिया जाएगा, लेकिन रमेश पोखरियाल निशंक ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री के रूप में पदभार संभाला।