जालंधर। बोरवेल में गिरे दो साल के बच्चे को निकालने में 110 घंटे का वक्त लग गया और इसके चक्कर में ही उसकी मौत हो गई। फतेहवीर गुरुवार शाम 4 बजे खेलते वक्त 9 इंच चौड़े और 145 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया था और नीचे जाकर करीब 125 फीट पर फंसा हुआ था। पंजाब के संगरूर जिला के भगवानपुरा गांव में बोरवेल में फंसे दो साल के फतेहवीर सिंह को मंगलवार सुबह 5:30 बजे यानी 110 घंटे बाद निकाल लिया गया। अस्पताल में इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
पांच दिन से प्रशासन ने ऑपरेशन चलाया था, रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान उसे ऑक्सीजन मुहैया कराने में कामयाबी मिल गई थी, लेकिन उस तक खाना और पानी पहुंच नहीं पा रहा था। प्रशासन की टीम के साथ, वालंटियर्स, एनडीआरएफ और आर्मी की 119 असॉल्ट इंजीनियरिंग टीम ने काम किया।
बोरवेल के ठीक बगल में 41 इंच की एक टनल तैयार की गई। मशीनों से काम करना मुश्किल होने पर हाथों से खुदाई की गई। बाल्टियों और तसलों की मदद से खोदी गई मिट्टी को बाहर निकाला गया। पैरलल टनल और बच्चे वाले बोरवेल को जोड़ने के लिए की गई खुदाई थोड़ी गलत दिशा में चली गई। रेस्क्यू टीम बोरवेल तक पहुंची। पाइप को काटा भी गया, लेकिन इसमें नीचे रेत भरी मिली। फिर सोमवार रात करीब 8 बजे आखिर लोकेशन मिली।