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नौ दिनों के उत्सव में खिलेंगे श्रद्धा के फूल, मां के भक्तों को इस पूजन विधि से मिलेगा सकून

Navratri2019 4 नौ दिनों के उत्सव में खिलेंगे श्रद्धा के फूल, मां के भक्तों को इस पूजन विधि से मिलेगा सकून

नवरात्रि का दिन बेहद अहम और खास होता है, इस दिन भक्तों को मां के आशिर्वाद लेने का पूर्ण अवसर होता है और देश में प्रत्येक कोने पर मां की आराधना की जाती है। हमारी चेतना के अंदर सतोगुण, रजोगुण और तमोगुण- तीनों प्रकार के गन व्याप्त हैं। प्रकृति के साथ इसी चेतना के उत्सव को नवरात्रि कहते है। इन ९ दिनों में पहले तीन दिन तमोगुणी प्रकृति की आराधना करते हैं, दूसरे तीन दिन रजोगुणी और आखरी तीन दिन सतोगुणी प्रकृति की आराधना का महत्व है ।
माता रानी हमारे आसपास विद्यमान रहती हैं
दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती ये तीन रूप में माँ की आराधना करते है| माँ सिर्फ आसमान में कहीं स्थित नही हैं, ऐसा कहा जाता है कि-

“या देवी सर्वभुतेषु चेतनेत्यभिधीयते”

अर्थात- “सभी जीव जंतुओं में चेतना के रूप में ही माँ / देवी तुम स्थित हो”

नवरात्रि माँ के अलग अलग रूपों को निहारने और उत्सव मानाने का त्यौहार है। जैसे कोई शिशु अपनी माँ के गर्भ में ९ महीने रहता हे, वैसे ही हम अपने आप में परा प्रकृति में रहकर – ध्यान में मग्न होने का इन ९ दिन का महत्व है। वहाँ से फिर बाहर निकलते है तो सृजनात्मकता का प्रस्सपुरण जीवन में आने लगता है।
नवरात्रि का आखिरी दिन- विजयोत्सव
आखिरी दिन फिर विजयोत्सव मनाते हैं क्योंकि हम तीनो गुणों के परे त्रिगुणातीत अवस्था में आ जाते हैं। काम, क्रोध, मद, मत्सर, लोभ आदि जितने भी राक्षशी प्रवृति हैं उसका हनन करके विजय का उत्सव मनाते है। रोजमर्रा की जिंदगी में जो मन फँसा रहता हे उसमें से मन को हटा करके जीवन के जो उद्देश्य व आदर्श हैं उसको निखार ने के लिए यह उत्सव मनाया जाता है। एक तरह से समझ लीजिये की हम अपनी बैटरी को रिचार्ज कर लेते है। हर एक व्यक्ति जीवनभर या साल भर में जो भी काम करते-करते थक जाते हे तो इससे मुक्त होने के लिए इन 9 दिनों में शरीर की शुद्धि, मन की शुद्धि और बुद्धि में शुद्धि आ जाए, सत्व शुद्धि हो जाए।

What is the Time for Kalash Sthapna in Chaitra Navratri 2019

शुभ : सुबह 7.48 से 9.18 बजे तक
चर: दोपहर 12.18 से 1.48 बजे तक
लाभ : दोपहर 1.48 से 3.18 बजे तक
अमृत : दोपहर 3.18 से 4.48 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त सुबह 11.30 से 12.50 बजे तक
लाभ : सायंकाल 6.41 से रात्रि 8.11 बजे तक

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