नई दिल्ली। मोदी सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के बीच टकराव के बीच गवर्नर उर्जित पटेल ने तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है। उर्जित पटेल ने अपने बयान में कहा है कि वो निजी कारणों से इस्तीफा दे रहे हैं। पटेल ने कहा कि यह उनके लिए बड़े सम्मान की बात थी कि वह इतने वर्षों तक आरबीआई के साथ अनेक भूमिकाओं में रहे। हाल ही में केन्द्रीय बैंक गवर्नर और केन्द्र सरकार में स्वायत्तता को लेकर विवाद खड़ा हुआ था। हालांकि इस विवाद के बाद केन्द्र सरकार में बयान दिया था कि उसके और केन्द्र सरकार के बीच स्वायत्तता को लेकर कोई विवाद नहीं हैं।
वहीं खबरों के मुताबिक केन्द्र सरकार और आरबीआई के विवाद के बीच केन्द्र सरकार द्वारा आरबीआई के खजाने में पड़े सिक्योरिटी डिपॉजिट को लेकर था। रिपोर्ट के मुताबिक केन्द्र सरकार केन्द्रीय रिजर्व से अधिक अंश की मांग कर रहा था। हालांकि इस मौके पर पीएम मोदी ने उर्जित पटेल की तारीफ में दो सिलसिलेवार ट्वीट किए। उन्होंने पहले ट्वीट में कहा, ‘डॉ. उर्जित पटेल मैक्रो-इकोनॉमिक मुद्दों की गहरी रखने वाले बहुत अच्छ क्षमता के अर्थशास्त्री हैं। उन्होंने बैंकिंग सिस्टम को अराजकता से बाहर निकाला और अनुशासन सुनिश्चित किया। उनके नेतृत्व में आरबीआई ने वित्तीय स्थिरता कायम की।
पीएम मोदी ने अपने दूसरे ट्वीट में कहा, ‘डॉ. उर्जित पटेल पूरी तरह से ईमानदार और पेशवर हैं। वो करीब 6 साल तक भारतीय रिजर्व बैंक में डिप्टी गवर्नर और गवर्नर के रूप में कार्यरत रहे। उन्होंने अपने पीछे महान विरासत छोड़ी। हम उनको बहुत याद करेंगे। कांग्रेस ने उर्जित पटेल के इस्तीफे को लेकर मोदी सरकार को घेरा है। मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा, ‘जिस तरह आरबीआई के गवर्नर को इस्तीफा देने के लिए फोर्स किया गया, वो भारत की मौद्रिक और बैंकिंग सिस्टम में दाग है। बीजेपी सरकार ने वित्तीय आपातकाल को उजागर किया है। अब देश की प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता दांव पर है। पटेल ने कहा कि पिछले 70 वर्षों में जिन संस्थाओं को बेहद सावधानी से बनाया और स्थापित किया गया, उनको अब अपंग बनाया जा रहा है।