नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के रिश्ते हमेशा से ही ठीक नहीं रहे है लेकिन हाल ही में हुए उरी आतंकी हमले की वजह से दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। रविवार को हुए आतंकी हमले में आतंकवादियों ने उरी के सेना ब्रिगेड मुख्यालय पर हमला कर दिया था जिसकी वजह से 19 जवान शहीद हो गए तो कई जवान घायल है जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। लेकिन अब ऐसा लगता है कि ये आतंकी हमला दुश्मन देश पाकिस्तान पर भारी पड़ सकता है।
गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाने की चेतावनी दी। दरअसल मीडिया ने विकास स्वरुप से पूछा कि दोनों देशों के बीच बढ़ते तनावों को देखते हुए क्या भारत पाकिस्तान के साथ हुई सिंधु जल संधि पर दोबारा विचार करेगी? इस सवाल का जवाब देते हुए स्वरुप ने कहा कि ऐसी किसी भी संधि के लिए आवश्यक है कि दोनों देशों के बीच परस्पर सहयोग और विश्वास होना चाहिए।
इस संधि को खत्म किए जाने के सवाल पर विदेश प्रवक्ता विकास स्वरुप ने कहा कि कूटनीति में सब कुछ बताया नहीं जा सकता। बता दें कि साल 1960 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने इस संधि पर हस्ताक्षर किए थे जिसके तहत ब्यास, रावी, सतलज, सिंधु, चिनाब और झेलम नदियों के जल का दोनों देशों के बीच बंटवारे की बात कही गई थी।