श्रीनगर। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को जम्मू एवं कश्मीर के उड़ी के सैन्य शिविर में हुए आतंकवादी हमले की जांच की जिम्मेदारी संभाल ली है। इस हमले में 18 जवान शहीद हो गए थे। सूत्रों के मुताबिक, आतंकवादी हमले मामले में प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज होने के बाद उप महानिरीक्षक (डीआईजी) स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में छह सदस्यीय एनआईए दल ने मामले की जांच शुरू कर दी है। एनआईए दल श्रीनगर से उऱी पहुंच गया है। इसके साथ ही सेना आतंकवादियों से मिले तमाम हथियार, जीपीएस, नेविगेशन मैप एनआईए को सौपेगी, ताकि आगे की जांच को अंजाम तक पहुंचाया जा सके।
सरकार के शीर्ष अधिकारियों के बीच हो रही बातचीत से जुड़े सूत्रों ने कहा कि बहुत जल्दी में बिना सोचे-समझे कोई कार्रवाई नहीं होगी। सूत्रों ने कहा कि उचित योजना, समन्वय और सभी विकल्पों पर विचार करने तथा सभी को विश्वास में लेने के बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी। डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने सेना की ओर से बयान जारी करते हुए कहा, “अब हम तय करेंगे कि कैसे जवाब देना है और इस जवाब का वक्त और जगह हम तय करेंगे. हमारे पास पूरी क्षमता है।
सेना के आला अधिकारियों के मुताबिक, उरी हमले में मारे गए चारों आतंकी के पास मौजूद सामान पर पाकिस्तान में निर्मित होने के निशान थे। शुरुआती रिपोर्ट से संकेत मिला कि वे जैश-ए-मोहम्मद तंजीम से ताल्लुक रखते थे। मारे गए आतंकियों के पास से चार एके 47 राइफलें, चार अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर, आग फैलाने में काम आने वाला सफेद फॉस्फोरस पाउडर, पाक की छाप वाला खानपीन का सामान, कैंप और आसपास के इलाके का नक्शा बरामद हुआ है।
गौरतलब है कि रविवार को उड़ी के सैन्य शिविर में हुए आतंकवादी हमले में 18 जवान शहीद हो गए। इस हमले को जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने अंजाम दिया था। सेना की ओर से चलाए गए अभियान में चार आतंकवादियों को भी मार गिराया गया था।