आपको शायद याद हो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में देश की कमान संभालने के बाद कई महत्वकांक्षी योजनाओं का श्रीगणेश किया था। उन्हीं में से एक बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कैंपेन के तहत सुकन्या समृद्धि योजना की शुरूआत की गई थी। आज हम आपको उसी योजना के बारे में बताने जा रहे हैं ताकि आप भी इस योजना का लाभ उठा सकें। इस योजना से आप अपनी बिटीया का सुनहरा भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं।
आइए जानते हैं कि क्या है यह योजना और कैसे उठाएं इसका लाभ-
ऐसे खुलवाएं खाता
सुकन्या समृद्धि योजना का खाता आप किसी भी पोस्ट ऑफिस या बैंकों की अधिकृत शाखा में खुलवा सकते हैं। आम तौर पर जो भी बैंक पीपीएफ खाता खोलने की सुविधा उपलब्ध कराते हैं, वे सुकन्या समृद्धि योजना का खाता भी खोलते हैं।
खाता खुलवाने के लिए जरूरू दस्तावेज
अकाउंट खुलवाने का फॉर्म। बच्ची का जन्म प्रमाणपत्र। जमाकर्ता (माता-पिता या अभिभावक) का पहचान पत्र जैसे पैन कार्ड, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट आदि। जमाकर्ता के पते का प्रमाणपत्र जैसे पासपोर्ट, राशन कार्ड, बिजली बिल, टेलीफोल बिल आदि। सुकन्या समृद्धि योजना का फॉर्म पोस्ट ऑफिस या बैंक से प्राप्त कर सकते हैं। पैसे जमा करने के लिए आप नेटबैंकिंग का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
कौन खुलवा सकता है यह खाता
आप यह खाता तभी खुलवा सकते हैं जब आप लड़की के प्राकृतिक या कानूनन अभिभावक हों। आप एक बेटी के नाम ऐसा एक ही खाता खुलवा सकते हैं। कुल मिला कर आप दो बेटियों के नाम यह खाता खुलवा सकते हैं, लेकिन अगर दूसरी बेटी के जन्म के समय आपको जुड़वां बेटी होती है तो आप तीसरा खाता भी खुलवा सकते हैं।
यह है सुकन्या समृद्धि योजना
पीएम नरेंद्र मोदी ने सुकन्या समृद्धि योजना की शुरूआत 4 दिसंबर, 2014 को थी। यह एक लॉन्ग-टर्म डेट स्कीम है, जिसमें कोई भी शख्स बेटी के जन्म से लेकर उसके 10 साल की हो जाने तक कभी भी अकाउंट खुलवा सकता है। यह अकाउंट बैंक या पोस्ट ऑफिस में खुलवाया जा सकता है। यह अकाउंट बच्ची के 21 साल की होने तक जारी रहेगा।
ये हैं इसके लाभ
खाता खुलवाने के समय 1000 रुपए चाहिए, जो कैश, चैक, और ड्राफ्ट में जमा हो सकते हैं। यह योजना बालिका के जन्म से लेकर शादी करने तक परिजनों को आर्थिक मजबूती प्रदान करती है। यह योजना घटते लिंगानुपात के बीच कन्या जन्म दर को प्रोत्साहन देने में मदद करेगी। बेटी की पढ़ाई व शादी के लिए पैसे की टेंशन दूर करने में मदद करेगी।
इनके चीजों के बिना नहीं खुल सकेगा अकाउंट
खाता खुलवाने के लिए लड़की का जन्म प्रमाणपत्र, अभिभावक का पहचान प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण-पत्र की आवश्यकता होगी। यह खाता पोस्ट ऑफिस और केंद्र सरकार द्वारा अधिकृत किसी भी बैंक ( भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, आंध्रा बैंक, यूसीओ बैंक और इलाहाबाद बैंक) में खोला जा सकेगा।
देनी होगी इतनी रकम
माता-पिता दोनों या फिर दोनों में से एक अथवा दोनों के न होने की स्थिति में कानूनी अभिभावक पैसा जमा कर सकते हैं। साल में 1 हजार रुपए और अधिकतम डेढ़ लाख रुपए जमा कराए जा सकते हैं। किसी साल मिनिमम जमा नहीं करा पाते हैं तो अगले साल पिछले साल की ड्यू रकम के अलावा 50 रुपए पेनल्टी देनी होगी।
14 साल तक जमा कराना होगा इतना पैसा
खाता खोलने से 14 साल तक इस स्कीम में पैसा जमा कराना होगा। 14 साल पूरे होने से पहले ही बच्ची 21 साल की हो जाती है तो भी खाता बच्ची के 21 साल की होने पर ही बंद हो जाएगा। अकाउंट में 1 हजार से डेढ़ लाख के बीच कितनी भी रकम साल में जमा करा सकते हैं।
इतना मिलेगा रिटर्न
जब बच्ची 21 साल की हो जाएगी तो यह योजना मैच्योर होगी। उस वक्त उसे पैसा मिलेगा। हां, बच्ची की हायर एजुकेशन और शादी के लिए समय से पहले भी पैसा निकाला जा सकता है। बच्ची की उम्र 18 साल होने के बाद 50 फीसदी पैसा निकाल सकते हैं।
टैक्स में मिलेगी छूट
इस योजना में किए गए इन्वेस्टमेंट को 80 सी में शामिल किया जाएगा। ऐसा फाइनेंशियल इयर 2015-16 से होगा। 80 सी में छूट की अधिकतम सीमा डेढ़ लाख है। खास बात यह है कि मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम पर भी कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा। ब्याज की दर हर साल के लिए अलग से घोषित की जाएगी।
एक परिवार में इतने खुल सकते हैं अकाउंट
एक बच्ची के नाम पर एक ही खाता खुल सकेगा। और एक परिवार की अधिकतम दो बच्चियों के नाम पर ये खाता खुल सकेगा। लेकिन, यदि एक बार में तीन बच्चियां जन्म लें, या फिर एक बच्ची पहले से हो और फिर जुड़वां बच्चियां हों, इस सूरत में तीनों बच्चियों के नाम एक-एक खाता खुलवाया जा सकेगा।
21 साल के बाद ही बंद हो सकेगा खाता
इस योजना को खाता खुलने के 21 साल बाद ही बंद किया जा सकेगा। अगर 21 साल होने से पहले बच्ची की शादी हो जाए तो खाते को पहले ही बंद करवाना पड़ेगा। शादी न होने की सूरत में खाते को 21 साल के बाद भी जारी रखा जा सकेगा।
दूसरी जगह भी शिफ्ट हो सकता है अकाउंट
कन्या की मृत्यु हो होने कि स्थिति में, डेथ सर्टिफिकेट जमा करने के बाद ही ये खाता बंद किया जाएगा। खाते का बैंलेंस और ब्याज परिजनों को दे दिया जाएगा। कन्या एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट होने पर खाते को भी शिफ्ट किया जा सकेगा। जब कन्या की उम्र 18 साल की हो जाएगी तो जमा राशि का 50 फीसदी राशि शादी या शिक्षा के लिए निकाला जा सकेगा।