नई दिल्ली। नीति आयोग के नवगठित उत्तर-पूर्व नीति मंच की पहली बैठक मंगलवार को उत्तर-पूर्वी राज्य त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में होगी। नीति आयोग के उत्तर-पूर्व नीति मंच का गठन उत्तर पूर्व में विकास परियोजनाओं को प्रोत्साहन देने के लिए किया गया है। इस बैठक की अध्यक्षता नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय (डीओएनईआर) राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह करेंगे। इस बैठक में उत्तर-पूर्व के सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और क्षेत्र के अग्रणी लोग भाग लेंगे।
बता दें कि योजना आयोग के उपाध्यक्ष ने नई दिल्ली में बताया कि पहली बैठक की विषयवस्तु ‘एक समृद्ध उत्तर पूर्वी क्षेत्र की दिशा में बढ़ना’ होगी। जिसमें उत्तर-पूर्व के विकास के अवरोधों की पहचान करना, संसाधनों को दुरुस्त करना और उत्तर पूर्वी क्षेत्र पर पुन: ध्यान केंद्रित किये जाने की आवश्यकता पर जोर दिया जाएगा। पहली बैठक के मसौदे में उत्तर पूर्वी क्षेत्र में सड़क, रेल और वायु संपर्क बढ़ाने के लिए रणनीति, जल विद्युत स्वप्न को साकार करना- उत्तर पूर्वी क्षेत्र में जल विद्युत के लिये मौजूद संभावनाओं के दोहन के लिये आगे का रास्ता, कृषि एवं संबंधित क्षेत्र, उत्तर पूर्वी राज्य रासायनिक खाद रहित खेती को बढ़ावा देंगे, फल, सब्जियों, मसालों एवं औषधीय वनस्पतियों की खेती, किसानों के लिये मिट्टी का हेल्थ कॉर्ड, फसल कटने के बाद होने वाले नुकसान को बिलकुल कम करना।
वहीं कृषि बीमा का दायरा बढ़ाना, दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देना, जल प्रबंधन, पहले से जारी सिंचाई परियोजनाओं को शीघ्रता से पूरा करना, पर्यटन को बढ़ावा, प्राकृतिक पर्यटन, ग्रामीण पर्यटन, रोमांचकारी पर्यटन को प्रोत्साहित करना, उत्तर पूर्व पर्यटन विकास परिषद (एनईटीडीसी) को सशक्त बनाना, सिक्किम के ऑर्गेनिक थीम पर आधारित घर में ठहरने वाले पर्यटन को अन्य उत्तर पूर्वी राज्यों में प्रोत्साहित करना, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये एनईटीडीसी उत्तर पूर्वी राज्यों के साथ निकटता के साथ काम करना और संपर्क मार्ग, कृषि उत्पादकता और औद्योगिक विकास के क्षेत्र में शीघ्र पूरी हो सकने वाली परियोजनाओं की पहचान और उन्हें पूरा करना आदि को शामिल किया गया है।
साथ ही देश के उत्तर पूर्वी क्षेत्र के सतत आर्थिक विकास को सुनिश्चित करने और क्षेत्र में विकास की स्थिति की समय-समय पर समीक्षा करने के उद्देश्य से फरवरी 2018 में ‘उत्तर पूर्व के लिये नीति मंच’ का गठन किया गया था। इस मंच के लिये सचिवालय को उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय में स्थापित किया गया है। इस मंच में उत्तर पूर्व के सभी राज्यों का प्रतिनिधित्व हैं और उनके मुख्य सचिवों और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों एवं विभागों के सचिव, आईआईटी, आईआईएम जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं के निदेशक, विशेषज्ञों एवं पत्रकारों को इसमें सदस्य के तौर सम्मिलित किया गया है।