लखनऊ। गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा का उपचुनाव हारने के बाद प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने सपा-बसपा के वोटों में सेंध लगाने के लिए कमर कस ली है। सीएम ने राजनीतिक दांव खेलते हुए अति पिछड़ों और अति दलितों को आरक्षण देने की घोषणा की है। सीएम की इस घोषणा के बाद दलितों और पिछड़ो की राजनीति करने वाली सपा-बसपा को आगामी चुनाव में बड़ा झटका लग सकता है। सीएम ने विधानसभा में कहा कि इसको लेकर एक कमेटी का गठन किया जाएगा। गुरुवार को विधानसभा में बजट सत्र को संबोधित करते हुए सीएम ने अति-पिछड़ों और अति दलितों को आरक्षण देने का फैसला लिया।
गौरतलब है कि योगी सरकार का ये फैसला बेहद अहम है, क्योंकि अब तक आरक्षण को लेकर विपक्ष बीजेपी के साथ-साथ आरएसएस को घेरता रहा है। कुछ महीनों पहले ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने आरक्षण पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि आरक्षण से अलगाव पैदा होता है इसलिए इसे खत्म कर देना चाहिए। इसके बाद बीएसपी चीफ मायावती, कांग्रेस से लेकर आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव तक ने इस टिप्पणी की तीखी आलोचना की थी। हालांकि वैद्य ने इसकी भी वकालत की थी कि जबतक गैरबराबरी है, तब तक आरक्षण जारी रहे।