चंडीगढ़। कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार 24 मार्च को अपना दूसरा बजट पेश करेगी, जिसमें सरकार पंजाबियों पर नए टैक्स लगा सकती है। वित्त विभाग के सूत्रों का कहना है कि ये तय माना जा रहा है कि आमदनी और खर्च के अंतर को कम करने के लिए कुछ टैक्स लगाए जाएंगे क्योंकि पिछले वित्त बजट में वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने 13 हजार करोड़ रुपये के अंतर को कम करने के लिए संसाधन जुटाने का दावा किया था,लेकिन पूरा साल बीत जाने के बाद भी सरकार अभी तक सिर्फ संसाधन जुटाने में ही लगी हुई है। पूरे साल में संसाधन जुटाने के नाम पर सिर्फ सरकार एक फीसदी की वृद्धी कर पाई है, लेकिन इस टैक्स से जुटने वाली राशि का सिर्फ किसानों का कर्ज माफ करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
वित्त विभाग के सूत्रों का कहना है कि अगर इस साल भी नए संसाधन जुटाने में सरकार नाकान रहती है तो कर्माचारियों को उनका वेतन देने में दिक्कत आ सकती है। हालांकि सरकार ने नई आबकारी नीति के तहत पिछले साल के मुकाबले 900 करोड़ रुपये अतिरिक्त जुटाने का दावा किया है, जिसके चलते जीएसटी लागू होने के बाद टैक्स लगाने की संभावनाएं भी कम ही नजर आ रही है, लेकिन फिर भी वित्त विभाग चाहता है कि लोगों पर टैक्स लगाया जाए। पंजाब की कैबिनेट 22 मार्च को राज्य के बजट को मंजूरी देगी। पता चला है कि बजट में सबसे बड़ा फोकस कर्ज माफी पर होगा और इसके लिए पांच हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाएगा।
दरअसल पिछले बजट में 1500 करोड़ रुपये रखे गए थे, जिसमें से सरकार केवल 348 करोड़ रुपये ही बांट सकी है। 24 मार्च को पेश होने वाले बजट में किसान आत्महत्याओं के मुद्दे पर भी फोकस किया जाएगा। वित्त विभाग को विधानसभा की उस कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार है, जो आत्महत्या के कारणों को स्टडी कर रही है। सीएम ने पिछले विधानसभा सत्र में आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों का सारा कर्ज माफ करने का ऐलान किया था। उसके लिए इस सेशन में 400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जा सकता है।