नई दिल्ली। बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि ने क्रिकेट को विदेशी खेल बताते हुए इंडियन प्रीमियर लीग के दौरान अपना विज्ञापन देने से साफ इंकार कर दिया है। कंपनी का कहना है कि क्रिकेट एक विदेशी खेल है इस लिहाज से आईपीएल भी एक विदेशी खेल हुआ इसलिए हम आईपीएल के दौरान अपनी कंपनी का विज्ञापन नहीं देंगे। पंतजलि के सीईओ आचार्च बालकृष्ण ने बताया कि आईपीएल जैसे खेल उपभोक्तावाद को बढ़ावा देते हैं और बहुराष्ट्रीय कंपनियां इन्हें स्पॉन्सर करती है इसलिए पंतजलि कबड्डी और कुश्ती जैसे देसी खेलों से जुड़े आयोजनों में अपने प्रॉडक्ट्स का प्रचार करेगी और उन्हें इस जरिए बढ़ावा देगी।
पतंजलि के सीईओ ने कहा कि आईपीएल क्रिकेट का सबसे आकर्षक और अमीर अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट है। टी-20 लीग देश में 15 दिनों में शुरू होने जा रही है। पंतजलि देश की उन एफएमसीजी कंपनियों में से है जो विज्ञापन पर काफी पैसा खर्च करती है और उस लिहाज से विज्ञापनों पर उसका 500-600 करोड़ रुपये खर्च हो जाता है। मुख्यधारा के मीडिया में विज्ञापन के साथ पतंजलि डिजिटल और सोशल मीडिया पर भी काफी ऐड दे रही है। यह पतंजलि की ताकत है, जिसके चलते भारत में बहुराष्ट्रीय कंपनियों को आयुर्वेदिक प्रॉडक्ट्स उतारने पड़े।
पिछले साल पतंजलि ने प्रो-रेसलिंग लीग को स्पॉन्सर किया था। रामदेव की कंपनी दो साल पहले कबड्डी वर्ल्ड कप की को-स्पॉन्सर भी थी। बालकृष्ण ने बताया कि हम भारतीय खेलों में निवेश जारी रखेंगे। ऐसे खेल, जो देश की संस्कृति का प्रचार करते हों। पतंजलि दुनिया की जानी-मानी ई-कॉमर्स कंपनी ऐमजॉन पर भी प्रॉडक्ट्स बेचती है। पतंजलि के इस फैसले पर देश के बड़े कम्युनिकेशन ग्रुप मैडिसन वर्ल्ड के प्रजिडेंट ने कहा, ‘क्रिकेट को विदेशी खेल कहना गलत होगा। ना ही आप भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) को विदेशी बता सकते हैं। इससे पहले स्टार इंडिया ने 16,435.5 करोड़ में आईपीएल के 5 साल के मीडिया राइट्स हासिल किए थे, जिसकी शुरुआत 2018 से हो रही है।