जयपुर। देश की जिस संसद और विधानसभाओं में देश की भलाई के लिए कानून बनते हैं जो विधानसभा लोगों को अंधविश्वास के खिलाफ जागरूक करती है उसी विधानसभा में भूत-प्रेत की बाते होने लगी है और ये बाते कोई और नहीं बल्कि विधानसभा के विधायक कर रहे हैं। दरअसल राजस्थान विधानसभा के विधायकों ने सदन के अंदर भूत-प्रेत होने की बात कही है। विधानसभा के बाहर मुख्य सचेतक कालूलाल गुर्जर और नागौर से बीजेपी विधायक हबीबुर्रहमान अशरफी ने कहा कि विधानसभा में बुरी आत्माओं का साया मंडरा रहा है तभी तो राज्य की विधानसभा में कभी-भी 200 विधायक मौजूद नहीं रहते। कभी किसी को जेल हो जाती है तो कभी किसी की मृत्यु।
विधायकों ने कहा कि आत्माओं की शांति के लिए हवन और पंडितों को भोजन कराने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हम इस बारे में मुख्यमंत्री को भी बता चुके हैं और उन्हें कई सुझाव भी दिए हैं। वहीं अनुदान मांगों के जवाब के बीच कांग्रेस के धीरज गुर्जर ने ये मसला उठाते हुए कहा कि आपके सचेतक और विधायक अंधविश्वास फैला रहे हैं। बात बढ़ती गई और कमेटी से भूत-प्रेतों की जांच कराने तक पहुंच गई। इस दौरान कभी ठहाके लगे तो कभी भूत-प्रेत की बातों को सिरे से खारिज भी किया गया। ये मुद्दा नाथद्वार से बीजेपी विधायक कल्याण सिंह के देहांत के बाद उठा है। दूसरी तरफ जमीन के मालिक प्रेम बियानी ने कहा कि विधानसभा में कोई भूत-प्रेत नहीं है। इसके पिछले हिस्से में श्मशान जरूर है, लेकिन विधानसभा का मुख्य दरवाजा व मुख्य भवन तो हमारी जमीन पर बना हुआ है।