नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ प्रवासी भारतीय सम्मेलन में पहुंची विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रवासी भारतीय सम्मेलन पहली बार अटल जी की सरकार में साल 2003 में मनाया गया था और तब से ही इसी तरह जारी है। विदेश मंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी नौ जनवरी को अफ्रीका से वापस लौटे थे इसलिए इस दिन को चुना गया था और 2003 के बाद से ऐसा पहली बार हुआ है जब भारतीय मूल के जनप्रतिनिधियों को इस सम्मेलन में बुलाया गया है। स्वराज ने कहा कि ये आइडिया पीएम मोदी ने दिया था, जिसके बाद इसी साल हमने इस कार्यक्रम का आयोजन किया।
सुषमा ने कहा कि न्यूयॉर्क का मौसम ठीक नहीं था, जिसके कारण कुछ सांसदों के ना आने का डर था। फिर भी सभी लोग उपस्थित हैं, ये काफी खुशी की बात है। सुषमा ने इस दौरान ‘गिरमिटिया’ होने की कहानी बताई और कहा कि इसी कारण कार्यक्रम का थीम ‘संघर्ष से संसद’ तक का सफर रखा है। सुषमा ने इस दौरान कार्यक्रम की थीम और कार्यक्रम की जानकारी दी। आपको बता दें कि हर साल 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है, इसका मकसद विदेशों में रह रहे भारतीय मूल के नागरिकों को सम्मानित करना होता है, बीते कई सालों से सरकार प्रवासी भारतीय दिवस मना रही है।