जयपुर। राजस्थान सरकार से ज्यादा सैलरी की मांग कर रहे हड़ताली डॉक्टरों ने पीएम मोदी को अपनी मांगों को लेकर खत लिखा है। अपनी मांगो को सही ठहराते हुए डॉक्टरों ने पीएम को खत लिखकर गुहार लगाते हुए कहा कि वो उनकी परेशानियों को समझने के लिए एक दिन हमारी तरह जिंदगी जी कर दिखाएं। अपने खत में रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने पीएम को खत लिखकर कहा कि वो उनकी परेशानियों को समझने के लिए सरकारी अस्पताल में खराब इंफ्रास्ट्रक्चर और इमरजेंसी की स्थिति में मरीजों के रिश्तेदारों का दुर्व्यवहार सहते हुए भारी तनाव के बीच काम करके दिखाएं।
जयपुर एम्स के आरडीए अध्यक्ष हरजीत सिंह भाटी ने खत में लिखा कि हम भाग्यवान है कि हमें आपके जैसा सतर्क प्रधानमंत्री मिला है। इब आरडीए एम्स आपसे गुजारिश करता है कि आप व्हाइट एप्रैन पहनें और एक दिन सरकरी डॉक्टर की हैसियत से एक दिन तनाव को समझने की कोशिश करें, जिसे हम रोजना झेलते हैं। उन्होंने लिखा कि उन मरीजों का गुस्सा झेले जिनका इलाज खराब इंफ्रास्ट्रक्चर के चलते नहीं हो पाता है और सुविधाओं के अभाव के चलते वो मरने की कगार पर पहुंच जाते हैं, जिसके लिए हेल्थकेयर सिस्टम जिम्मेदार है।
उन्होंने ये भी कहा कि ये उन मंत्रियों के लिए मिसाल साबित होगा जोकि अपनी सस्ती लोकप्रियता के चक्कर में सारा इल्जाम सरकारी डॉक्टर्स पर डाल देते हैं। खत में लिखा है कि आपका सरकारी डॉक्टर्स के लिए बिताया गया एक दिन स्वास्थ्य विभाग के लिए टर्निंग प्वाइंट होगा क्योंकि इससे मेडिकल प्रोफेशनल में विश्वास उत्पन्न होगा। बता दें कि हाल ही में राजस्थान के कई डॉक्टर्स को हड़ताल के बीच रेस्मां कानून लागू करने के बाद गिरफ्तार कर लिया था। राजस्थान के डॉक्टर्स 16 दिसंबर से हड़ताल पर है।
ये हड़ताल असहायी तौर पर थी न कि जानबूझकर की गई थी क्योंकि राज्य सरकार ने रेस्मां कानून लागू कर 86 डॉक्टर्स को गिरफ्तार कर लिया था। पत्र में कहा गया है कि उनकी यह मांगे पहले राज्य सरकार ने मान ली थी, लेकिन बाद में उन्हें मानने से मना कर दिया गया जिसके चलते अविश्वास और गुस्से में मेहनतकश डॉक्टर्स ने हड़ताल की थी। कृप्या राजस्थान सरकार को उनकी मांगे पूरी करने और अत्याचार को रोकने के लिए कदम उठाएं।