नई दिल्ली। जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता और सांसद वीरेंद्र कुमार ने राज्यसभा के सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने के पीछे का कारण बताते हुए वीरेंद्र ने कहा कि वो ये इस्तीफा इसलिए दे रहे हैं क्योंकि वो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीजेपी के साथ गठबंधन करके बिहार में सरकार बनाने वाले फैसले के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि वो राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडु को अपना इस्तीफा सौंप चुके हैं। वीरेंद्र ने कहा कि हालांकि वो अभी भी कानूनी तौर पर नीतीश कुमार की पार्टी के सदस्य के रूप में उच्च सदन के सदस्य हैं।
उन्होंने कहा कि वो महागठबंधन तोड़कर बीजेपी के साथ हाथ मिलाने वाले नीतीश के फैसले के खिलाफ है, जिसके चलते उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा दिया है। गौरतलब है कि इसी साल बिहार में महागठबंधन से अलग होने के विरोध में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव की अगुवाई में वीरेंद्र कुमार सहित पार्टी के कई नेता बागी हो गए हैं। इनमें शरद यादव के अलावा सांसद अली अनवर अंसारी भी शामिल है, जिन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों का दोषी मानते हुए नायडु पहले ही संसद सदस्यता से अयोग्य घोषित कर चुके हैं।
नीतीश कुमार की अगुवाई वाले गुट ने वीरेंद्र कुमार को जेडीयू की केरल इकाई के अध्यक्ष पद से पहले ही हटा दिया था। चुनाव आयोग ने भी जेडीयू के चुनाव चिह्न पर शरद गुट के दावे को खारिज कर नीतीश कुमार की अगुवाई वाले गुट को ही वास्तविक जेडीयू बताया है। हाल ही में हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत पर वीरेंद्र कुमार ने कहा कि ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत नहीं है। इस जीत की वजह कुछ और है। कुमार उच्च सदन में केरल का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। वो अप्रैल 2016 में राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे।