Breaking News featured उत्तराखंड राज्य

उत्तराखंड: सीएम के निर्देश के बाद सूबे में नर्सरी एक्ट के तहत किया समिती का गठन

trevendra singh rawat उत्तराखंड: सीएम के निर्देश के बाद सूबे में नर्सरी एक्ट के तहत किया समिती का गठन

देहारादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश के बाद सूब में उत्तराखंड फल पौधशाला अधिनियम एवं नियामवली 2017 के प्रख्यापम के सम्बंध में निदेशक, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण की अध्यक्षता में एक समिती का गठन किया गया है। इस बात की जानकारी देते हुए अपर सचिव मेहरबान सिंह बिष्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री रावत ने पूर्व में की गई समीक्षा बैठक के दौरान नर्सरी अधिनियम बनाए जाने के निर्देश दिए थे। इसी के तहत अब निदेशक,उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। समिति में 6 अन्य सदस्य नामित किए गए हैं।

trevendra singh rawat उत्तराखंड: सीएम के निर्देश के बाद सूबे में नर्सरी एक्ट के तहत किया समिती का गठन

समिति में सदस्य के रूप में नृपेन्द्र चैहान, वैज्ञानिक प्रभारी, सगन्ध पादप केन्द्र सेलाकुई, डाॅ0 बी0पी0 नौटियाल, अधिष्ठाता, उत्तराखण्ड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, भरसार पौड़ी गढ़वाल, डाॅ0 ए0के0 सिंह, प्रोफेसर, उद्यान अनुसंधान निदेशालय, गो0ब0पं0 वि0वि0 पंतनगर, डाॅ0 डी0सी0 डिमरी, प्रोफेसर, उद्यान अनुसंधान निदेशालय, गो0ब0पं0 वि0वि0 पंतनगर, डाॅ0 आर0के0 सिंह, संयुक्त निदेशक, उद्यान चैबटिया, रानीखेत अल्मोड़ा एवं डाॅ0 बी0पी0 भट्ट, जड़ीबूटी शोध एवं विकास संस्थान, गोपेश्वर शामिल हैं। फल, सब्जी, मसाले, जड़ीबूटी, सगंध पादप, मशरूम स्पान, चाय आदि जितनी भी औद्यानिक फसलों का उत्पादन किसानों द्वारा किया जाता है, के संबंध में एक बहुत ही प्रभावी एक्ट बनना चाहिए।

बता दें कि नर्सरी एक्ट के तहत अलग-अलग प्लांटिंग मैटेरियल, सीडलिंग, टिश्यू कल्चर आधारित प्लांटिंग मेटीरियल आदि विषयों का भी समावेश किया जाना चाहिए। किसानों द्वारा पौध और बीज केवल नर्सरी स्वामियों से ही नही बल्कि डिस्ट्रीब्यूटर/सप्लायर/ट्रेडर से भी खरीदा जाता है और ये उत्तराखण्ड राज्य के अन्दर और राज्य के बाहर, यहां तक कि विदेशों से भी आयात किया जाता है। इन विषयों को भी एक्ट में रखने पर विचार किया जा सकता है। अधिनियम में यूरोपियन देशों के जो नर्सरी एक्ट है, उसका अवलोकन भी किया जा सकता है, ताकि किसी प्रकार की कोई कमी या कोई चीज छूट न पाए। उक्त विशेषज्ञ समिति उत्तराखण्ड फल पौधशाला अधिनियम एवं नियमावली 2017 के प्रख्यापन के सम्बन्ध में प्रत्येक पहलू पर विचारविमर्श उपरान्त अपनी संस्तुतियां 15 दिन के भीतर शासन को उपलब्ध कराएगी।

Related posts

देश में कोरोना वायरस के मामले बढ़कर 1.25 लाख के पार पहुंचे, मरने वालों की संख्या हुई 3720

Rani Naqvi

305 दिन तक कोरोना से संक्रमित रहा शख्स, अंतिम संस्कार की हो गई थी तैयारी, और फिर….

pratiyush chaubey

आज नहीं हुआ दिल्ली नगर निगम के मेयर का चुनाव, हंगामे के कारण हुआ स्थगित

Rahul