लखनऊ। समाजवादी सरकार के पूर्व मंत्री विधायक गायत्री प्रजापति की मुश्लिकें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। महिला के साथ बलात्कार, धमकी और अपहरण के मामले में जेल में बंद गायत्री प्रजापति ने अपनी जमानत की अर्जी कोर्ट में लगा थी। लेकिन आखिरकार फिर गायत्री प्रजापति को मायूस होना पड़ा है, कोर्ट ने गायत्री की जमानत याचिका खारिज कर गी है। सीजेएम संध्या श्रीवास्तव ने गायत्री प्रजापति के अपराध को गैरजमानती और गंभीर अपराध करार देते हुए इस मामले में जमानत की अर्जी खारिज कर दी।
कोर्ट ने फिलहाल इस मामले में गायत्री प्रजापति के साथ आशीष शुक्ला और बब्लू सिंह के खिलाफ दाखिल चार्जशीट को संज्ञान में लेते हुए इस मामले में सुनवाई के लिए अगली तारीख 21 नवम्बर को तय की है। कोर्ट ने इसम मामले में कहा है कि तथ्यों और विवेचना के आधार पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने का पूरा आधार मौजूद है। कोर्ट इस मामले में तय करेगा कि आरोपियों के खिलाफ मामला कितना बनता है। इस मामले में पुलिस प्रपत्रों की नकलें तैयार कर आरोपियों को सौंप दी जाएंगी इसके बाद इसे जिला जल के पास भेज दिया जायेगा।
इस मामले में बीते साल 26 अक्टूबर को चित्रकूट की रहने वाली एख महिला ने गोमतीनगर थाने में आईपीसी की धारा 294,504,506 में बबलू सिंह व आशीष शुक्ला के खिलाफ एफआईआर द्रज करते हुए कहा था कि आशीष शुक्ला ने खनन का पट्टा दिलाने का लालच देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनने का दबाव डाला और मना करने पर मारपीट गाली-गलौज करते हुए धमकी दी थी। इसी मामले की विवेचना के दौरान पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति का भी नाम सामने आया था। इसके बाद पुलिस को इस मामले में अन्य सुराग भी मिले थे।