नई दिल्ली। पिछले साल 2016 में मोदी सरकार ने कालेधन के खिलाफ कार्रवाई करते हुए नोटबंदी का ऐलान किया था, जिसके बाद देश में 500 और 1000 के पुराने नोटों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था। नोटबंदी के दौरान देश में हाहकार तो मचा था, लेकिन लोगों ने सरकार का साथ इस तर्ज पर दे दिया था कि शायद अब देश में नया बदलाव आएगा, लेकिन आरबीआई के आकड़ों ने सरकार के इस फैसले को लगभग फेल सा कर दिया। हालांकि कि उस दौरान बड़े पैमाने पर आयकर विभाग ने छापे मारकर काफी ज्यादा रुप में कालाधन बरामद किया था। इन्ही आकड़ों को लेकर सरकार ने बीते अगस्त माह में कहा था कि 99 फीसदी 500 और 1000 के नोट बाजार में से वापस आ गए है।
सरकार के इस ऐलान के बाद विपक्ष ने खासकर कांग्रेस ने मोदी सरकार को जमकर घेरा था और संसद में कार्रवाई को चलने नहीं दिया गया था। नोटबंदी के एक साल पूरा होने को लेकर जहां मोदी सरकार काला घन विरोधी दिवस मना रही है, तो वहीं कांग्रेस ने आज के दिन को काला दिवस नाम से देश में पहुंचाने की तैयारी कर ली है। इसी बीच कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार को घेरने के लिए अपना अभियान ट्विटर से शुरू किया। राहुल गांधी ने ट्विटर पर रात के 12 बजे पोस्ट करते बीजेपी पर कटाक्ष किया। राहुल ने लिखा कि एक आंसू बहना हुकमत के लिए खतरा है, लेकिन आज के दिन एक साल पहले देश में आंसुआ का सैलाब आ गया था।
नोटबंदी के समय एक परेशान बुजुर्ग की फोटों शेयर करते हुए राहुल गांधी ने आम लोगों को हुई परेशानी को लेकर बीजेपी और मोदी सरकार पर तंज कसे। राहुल ने लिखा की नोटबंदी एक त्रासदी है। उन्होने कहा कि हम लाखों ईमानदार भारतीय जनता प्रधानमंत्री के इस बिना सोचे समझे उठाए गए इस विचार से पूरी तरह तबाह हो गई। गौरतलब है कि नोटबंदी के दौरान बैंक में पैसे जमा करवाने और नोट बदलवाने के लिए एटीएम और बैंकों के बाहर लंबी-लंबी कतारे लग गई थी। बैंक और एटीएम के बाहर लगी कतारे सुबह से लगनी शुरू होती थी, जोकि शाम को बैंक के बंद होने और एटीएम में पैसा खत्म होने तक यूहीं लगी रहती थी। इस दौरान पेट्रोल पंप और टोल पर अपने पुराने पैसे चलाने के लिए लोग की लाइन लगी रहती थी, नोटबंदी के कारण देश में कई शादिया टल गई थी, क्योंकि जब जेब में लक्ष्मी ही नहीं होगी तो बैंड़-बाजा कहा से बजेगा।