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पश्चिम बंगाल विधानसभा में राज्य का नाम बदलने का प्रस्ताव पारित

Mamta Banarji पश्चिम बंगाल विधानसभा में राज्य का नाम बदलने का प्रस्ताव पारित

कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा में सोमवार को राज्य का नाम बदलने का प्रस्ताव पारित हो गया। राज्य का नाम बदलकर बांग्ला भाषा में ‘बांग्ला’, हिंदी में बंगाल और अंग्रेजी में ‘बेंगाल’ करना प्रस्तावित किया गया है। वाम मोर्चा, कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदन से बहिर्गमन के बीच नियम 169 के तहत सरकारी प्रस्ताव पारित कर दिया गया। प्रस्ताव संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चक्रवर्ती ने पेश किया था।

Mamta Banarji

प्रस्ताव के मुताबिक, राज्य का नाम बदलकर बांग्ला भाषा में ‘बांग्ला’, अंग्रेजी में ‘बेंगाल’ और हिंदी में ‘बंगाल’ कर दिया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रस्ताव का समर्थन करते हुए ‘बांग्ला’ नाम के साथ जुड़े ‘इतिहास और संस्कृति’ का जिक्र किया। ममता ने कहा कि उन्हें ‘बंग’ नाम पर भी कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा, “लेकिन, अधिकांश लोग बांग्ला नाम पसंद करते हैं, जो कि बोलचाल की भाषा का हिस्सा है। इसलिए हमने भी इसे स्वीकार किया है।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि अंग्रेजी में राज्य को बेंगाल कहा जाएगा, इसलिए पड़ोसी देश बांग्लादेश के नाम के साथ भी कोई भ्रम नहीं होगा। उन्होंने कहा, “वैसे भी, राज्य से बाहर हमें बेंगाल के लोगों के रूप में जाना जाता है।” मुख्यमंत्री ने बाद में संवाददाताओं से कहा, “मैं केंद्र से नाम परिवर्तन की प्रक्रिया तेज करने की विनती करती हूं और उससे इस प्रस्ताव को अगले संसदीय सत्र में पारित करने का आग्रह करती हूं।”

ममता ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से भी बात की और उनसे ‘विधानसभा में पारित प्रस्ताव के प्रति सम्मान दर्शाते हुए’ प्रस्ताव की शीघ्र मंजूरी सुनिश्चित करने का आग्रह किया। इस कदम का समर्थन न करने को लेकर विपक्ष पर निशाना साधते हुए ममता ने कहा, “उन्होंने विरोध करने के लिए विरोध किया। यह उनकी ऐतिहासिक भूल है। वे ऐसी गलतियां करते रहते हैं।”

भाजपा द्वारा प्रस्ताव को संसद में पारित न करने देने की चेतावनी के बारे में ममता ने कहा, “वे हर कदम पर ऐसी अड़चनें डालते रहते हैं। वे कौन हैं? ये केंद्र और राज्य सरकार के बीच का मामला है।”

उन्होंने याद दिलाया कि राज्य ने पहले नाम बदलकर पश्चिम बंग करने का प्रस्ताव दिया था। यह केंद्र के समक्ष आज भी विचाराधीन है। लेकिन, नए प्रस्ताव को मंजूरी देने से पहले केंद्र से आग्रह किया गया था कि वह पहले के प्रस्तावित नाम पर विचार न करे। राज्य इस सिलसिले में विधानसभा में पारित प्रस्ताव के आधार पर उसे ताजा जानकारी देगा।

 

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