गुवाहाटी। असम में बाढ़ की स्थिति लगातार नाजुक बनी हुई है। रविवार शाम तक 14 जिलों में छह लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। इसके साथ ही इस वर्ष बाढ़ में मृतकों की संख्या बढ़कर सात हो गई है।
असम आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के एक अधिकारी ने कहा कि बाढ़ के कारण रविवार को तिनसुकिया जिले का बड़ा हिस्सा पानी में डूब गया। इसके अतिरिक्त लखीमपुर, गोलाघाट, मोरीगांव, जोरहाट, धीमाजी, सिवसागर, कोकराझार, बारपेटा, बोंगैगांव, नागांव, धुबरी, डिब्रूगढ़ और चिरांग जिलों के इलाके भी पिछले कुछ दिनों से जलमग्न हैं।
एएसडीएमए के एक अधिकारी ने कहा, “रविवार तक 14 जिलों के 1,206 गांवों में 6,41,043 लोग मौजूदा बाढ़ से प्रभावित रहे। संबंधित जिला प्रशासन ने बाढ़ग्रस्त जिलों में 21,931 बाढ़ पीड़ितों को रहने के लिए 81 राहत शिविर स्थापित किए हैं।”
एएसडीएमए के अधिकारियों ने कहा कि लखीमपुर जिले में बाढ़ के कारण रविवार को एक व्यक्ति की मौत हो गई। इसके पहले शनिवार को एक मौत लखीमपुर और एक मौत मोरीगांव में बाढ़ के कारण हुई थी।
इनलैंड वाटर रिसोर्सेस (आईडब्ल्यूआर) विभाग के सूत्रों ने कहा कि धाला से सादिया के बीच, नीमतीघाट से माजुली के बीच नौका सेवा निलंबित कर दी गई है, क्योंकि ब्रह्मपुत्र नदी में कई स्थानों पर जलस्तर बढ़ गया है।
केंद्रीय जल आयोग के अधिकारियों ने कहा कि ब्रह्मपुत्र नदी डिब्रूगढ़, नीमतीघाट, तेजपुर, गोलापाड़ा और धुबरी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, वहीं ब्रह्मपुत्र की कुछ सहायक नदियों का जलस्तर भी बढ़ रहा है। बूढ़ीदेहिंग, सुबनसिरी और धनसारी नदियां खोवांग (डिब्रूगढ़), बेदेतीघाट (लखीमपुर), और नुमालीगढ़ (गोलाघाट) जिलों में क्रमश: खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
इसी तरह जिया भराली नदी सोनितपुर में और पुथीमारी नदी कामरूप जिले में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसके अलावा बेकी नदी बारपेटा जिले में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। सोनकोष नदी धुबरी जिले के गोलकगंज में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
बाढ़ के कारण जहां तिनसुकिया जिले में डिब्रूगढ़-चैखोवा राष्ट्रीय उद्यान जलमग्न हो गया है, वहीं पबितरा वन्यजीव अभ्यारण्य और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान भी बाढ़ के कारण आंशिक तौर पर जलमग्न हो गया है।
बाढ़ग्रस्त जिलों में मकान, पुल और कई संपर्क मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए हैं, और पूरे राज्य में कई स्थानों पर तटबंध टूट गए हैं।
(आईएएनएस)