देहरादून। साल 2016 में सेना में आए 23 साल के फयाज को जम्मू एंव कश्मीर के शोपियां में आतंकवादियो ने अगवा कर लिया था जिसके कुछ वक्त बाद उनकी हत्या की खबरें सामने आने लगी थी। फयाज अपने एक रिश्तेदार के शादी में शरीक होने के लिए गए हुए थे ऐसे में आतंकियों ने उन्हें अगवा कर लिया था और उनकी हत्या कर दी थी। लेकिन शहीद उमर फयाज अगर अभी होते तो उन्हें यह देख कर काफी खुशी होती की जम्मू कश्मीर में रहने वाले 11 युवकों ने स्नातक कर भारतीय सेना के अधिकारी की कुर्सी पर बैठ गए हैं।
शहीद फयाज की जगह पर आए कमीशन अधिकारी मोहम्मद का कहना है कि शहीद उमर फयाज के चेहरे पर हमेशा मुस्कुराहट रहती थी। उनका कहना है कि शहिद उमर फयाज उनसे एनडीएम में 2 साल और आईएमए में 6 महीने आगे थे। वही सेना के अधिकारियों की श्रेणी में अपना नाम लिखवाने वाले सभी 11 जवान उन्हें जानते थे और उनसे अच्छी तरह से मुखाबित थे।
कश्मीरी पंडित ने इस बारे में कहा कि फयाज की मृत्यु के बाद उन्हें काफी सदमा लगा और वह काफी भयभीत हो गए। वही सेना में शामिल हुए एक अधिकारी का कहना है कि शहीद उमर फयाज काफी विनम्र मिजाज के थे और वह हमेशा उत्साह से भरे होते थे। वही लद्दाख के रहने वाले एक अधिकारी का कहना है कि नरम दिल के साथ वह हमारे सीनियर भी थे जिसके नाते सभी के बीच एक अच्छा रिश्ता स्थापित हो गया था। उमर फयाज की आतंकियों के जरिए हत्या करने के बाद पूरे कश्मीरी समाज को हिला कर रख दिया है। ऐसे में जम्मू कश्मीर के रहने वाले 11 जवानों का सेना में भर्ती होना आतंकियों के लिए एक बुरा संदेश ले कर आया है।