देहरादून। शनिवार को इंडियन मिलिट्री अकेडमी (आइएमए) देहरादून में संयुक्त कमांडर कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे। इस सम्मलेन में भारत की प्रमुख सामरिक और सुरक्षा संबंधी चुनौतियों और प्राथमिकताओं पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा अधिकाधिक संसाधनों की उपलब्धता, भविष्य की संचालन संबंधी जरूरतों और प्रौद्योगिकीय संकेतों को ध्यान में रखते हुए लंबे समय की खरीद योजनाओं पर भी विचार होगा।
कई अहम मुद्दो पर पीएम मोदी दे सकते हैं सुझाव:-
तीनों सेनाओं के प्रमुख समेत पीएम इस कांफ्रेंस में शामिल कुल 47 प्रतिनिधियों से वर्तमान परिपेक्ष्य में रक्षा विशेषज्ञ प्रौद्योगिकीय कौशल के उन्नयन के बारे में भी बात करेंगे। हाल ही में जिस तरह जवानों की समस्याएं उभरकर सामने आई हैं, प्रधानमंत्री सेना के निचले स्तरों से लेकर शीर्ष स्तर तक एक टीम के रूप में काम करने के अपने सुझावों को दोहरा सकते हैं। यह सभी बातें तब महत्वपूर्ण हो जाती हैं जब यह सम्मेलन एक साल के अंतराल में आयोजित किया जा रहा है।
IAM में पहली बार तीनों सेना प्रमुख होंगे एक साथ:-
इसके अलावा देवभूमि में आयोजित होने वाले इस सम्मेलन का एक खास पहलू और भी है। ये अवसर सैन्य बहुल उत्तराखंड के लिए कई मायनों में खास है। तीनों सेना प्रमुख पहली बार आइएमए में एक साथ जुट रहे हैं। प्रदेश के लिए यह सम्मेलन इसलिए भी खास है क्योंकि इसमें शामिल होने वाले एकाध नहीं, कई शीर्ष रणनीतिकार देवभूमि उत्तराखंड से ही हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, डीजीएमओ ले जनरल एके भट्ट और डीजी कोस्टगार्ड राजेंद्र सिंह सहित सात अधिकारी इसी राज्य से हैं।
सम्मेलन के विरोध में कांग्रेस:-
उधर राज्य की सत्ताधारी कांग्रेस इस सम्मेलन का विरोध कर रही है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि इस सम्मेलन का राजनीतिकरण किया जा रहा है। प्रधानमंत्री सेनाओं का राजनीतिक उपयोग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने चुनाव आयोग से भी इस कांफ्रेंस को टालने का अनुरोध किया है। कांग्रेस को डर है कि सैन्य बहुल इस प्रदेश के चुनावी मौसम में कहीं सर्जिकल स्ट्राईक की हवा फिर से न बहने लगे जिसके चलते पार्टी को नुकसान उठाना पड़ जाए।