लखनऊ। राजधानी में हो रही अखिलेश और मुलायम सिंह की यादव की बैठक फेल हो गई है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक इस बैठक में अखिलेश के सामने मुलायम ने उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ने के लिये कहा था लेकिन वो इस बात को मानने के लिये तैयार नहीं हैं। सपा में पिछले एक सप्ताह से चल रहे संघर्ष के बीच अब खबरें आ रही हैं कि अखिलेश यादव का एक भी फॉर्मूला पिता मुलायम सिंह यादव को मंजूर नहीं है।
सपा में घमासान पर बातचीत करने और तमाम परिस्थितियों को सबके सामने रखने के लिये मुलायम शाम 4 बजे संवाददाताओं को संबोधित करने वाले थे लेकिन इसी बीच आजम खान ने मुलायम सिंह से मुलाकात की। आजम से मुलाकात करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को रद्द कर दिया गया है।
अपनों से लड़ना है मुश्किल
सपा में दंगल के बीच अमर सिंह ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुये कहा कि वो अखिलेश के रास्ते में अवरोध नहीं है। उन्होंने अखिलेश यादव पर आरोप लगाते हुए कहा कि जो भी उनके खेमे में जा रहा है वह दागी भी साफ है लेकिन वही लोग अगर वही लोग मुलायम के खेमे में हैं तो वो गलत हैं। बाप-बेटे के बीच चल रही लड़ाई पर बोलते हुए अमर सिंह ने कहा कि वो चाहते हैं कि दोनों बाप-बेटो में समन्वय हो।
विरोधियों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ जो खड़े है वो उनके अपने है इसलिये इस लड़ाई में टिक पाना उनके लिये मुश्किल हो रहा है। रामगोपाल यादव पर आरोप लगाते हुए अमर सिंह ने कहा कि उनको तो बोलना नहीं आता है।
अमर की वजह से बढ़ा झगड़ा
सपा में मचे सियासी घमासान के बारे में बोलते हुए सपा नेता नरेश अग्रवाल ने कहा कि पार्टी में जो कुछ हुआ है अमर सिंह की वजह से हुआ है। अगर अमर सिंह लखनऊ नहीं आते तो मुलायम और अखिलेश में झगड़ा इतना नहीं बढ़ता।
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शिवपाल और अमर छोंड़ेगें सपा!
सूत्रों की मानें तो उनका कहना है कि अमर सिंह की वजह से अब तक सपा में सुलह हो नहीं पाई है। अगर अमर चाहते तो अखिलेश और मुलायम में सुलह हो सकती है। पार्टी में सुलह कराने के लिए देर रात मुलायम के घर पर बैठक हुई, जिसमें अखिलेश यादव भी शामिल हुये। बैठक के बारे में सूत्रों का कहना है कि अखिलेश अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद नहीं छोड़ना चाहते है वो मुलायम के आगे झूकने के लिये तैयार नहीं है।
सूत्रों से पहले जानकारी मिल रही थी कि शिवपाल और अमर सिंह समाजवादी पार्टी का साथ छोड़ देंगे लेकिन अब खबरें आ रही हैं कि दोनों में कोई भी पार्टी नहीं छोड़ेगा।
अखिलेश के समर्थन में 210 विधायक
समाजवादी पार्टी में चल रही बाप-बेटे की लड़ाई का कोई हल ना निकलने के कारण अब 9 जनवरी के संग्राम के लिये तैयारी शुरू हो गई है। दरअसल पार्टी के नाम और साइकिल ‘सिम्बल’ को लेकर दोनों ही खेमे अड़े हुए हैं। ऐसे में चुनाव आयोग ने 09 जनवरी तक दोनों पक्षों से उनका जवाब मांगा है। दोनों खेमे अपने-अपने पक्ष में दलील और तथ्य पेश करेंगे।
अखिलेश गुट यह साबित करने की कोशिश में जुट गया है कि अधिकांश विधायक, विधान परिषद सदस्य, राज्यसभा सदस्य और लोकसभा सदस्य उनके साथ हैं, इसलिए वही असली समाजवादी पार्टी है। रणनीति को अंजाम देने के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को पार्टी विधायकों की बैठक भी बुलाई। बैठक में 210 से अधिक विधायकों के मौजूद होने का दावा किया जा रहा है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक बैठक में पहले से ही तैयार हलफनामे पर हस्ताक्षर करवाए गए हैं। इन्हें चुनाव आयोग में सबूत के तौर पर दिया जायेगा। इसके साथ ही सांसदों ने भी अखिलेश के समर्थन में शपथ पत्र दिए हैं। कहा जा रहा है कि 19 राज्यसभा सांसदों में से 12 सांसद अखिलेश के साथ हैं।