सरकार अगर अगले एक दशक में आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास कर पाती है तो वर्ष 2030 तक देश में बिकने वाला हर दूसरा वाहन नेचुरल गैस से चलेगा। गौरतलब है कि मारुति सुजुकी और ह्यूंडई मोटर इंडिया जैसी कार कंपनियों को फायदा होगा। सरकार ने आगामी 10 सालों में 10 हजार सीएनजी स्टेशन खोलने के लिए हाल में नेचुरल गैस इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट प्लान की घोषणा की है। पेट्रोलियम और नेचुरल गैस रेग्युलेटरी बोर्ड (पीएनजीआरबी) ने इस महीने शहरों में गैस वितरण के 10वें राउंड की घोषणा की है। जिससे 124 और जिलों में सीएनजी इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया जाएगा।
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ग्लोबल कंसल्टेंसी फर्म नोमुरा रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनआरआई) की एक रिपोर्ट के मुताबिक ‘इन कदमों से 2030 तक कुल बिकने वाली गाड़ियों में नेचुरल गैस से चलने वाले वाहनों की संख्या को 50 पर्सेंट तक पहुंचाने का लक्ष्य प्राप्त करने में सफलता हासिल होगी। इससे साल 2030 तक क्रूड ऑयल इंपोर्ट के बिल को 11 लाख करोड़ रुपये तक कम किया जा सकता है।’
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गौरतलब है कि इस वक्त मारुति सुजुकी और ह्यूंदई मोटर इंडिया देश में सीएनजी वाहन बेचने वाली महत्वपूर्ण कंपनियां हैं। पिछले कुछ महीनों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते मारुति सुजुकी की सीएनजी कार सेल्स में 50 पर्सेंट से ज्यादा की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। मारुति ने मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में 55 हजार सीएनजी यूनिट्स बेची हैं। पिछले महीने लॉन्च हुई सैंट्रो की सीएनजी वेरिएंट के चलते हुंडई मोटर की सीएनजी सेल्स में बेहद मजबूती देखी गई है।
मिली जानकारी के मुताबिक पेट्रोल और डीजल के मुकाबले सीएनजी वाहनों की रनिंग कॉस्ट काफी कम है।हालांकि डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क पर्याप्त नहीं होने के चलते सीएनजी मांग मजबूत नहीं है।सीएनजी वाहन ज्यादातर दिल्ली-एनसीआर और गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और पंजाब के कुछ कुछ खास शहरों में ही बिकते हैं।बता दें कि अप्रैल 2018 तक देश में सिर्फ 1,424 सीएनजी स्टेशन थे। नोमुरा की रिपोर्ट के अनुसार क्रूड ऑयल इंपोर्ट घटाने के अलावा नेचुरल गैस इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट प्लान से 4,00,000 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।
तीन पहिया और लाइट कॉमर्शियल के ड्राइवर अपने वाहन को सीएनजी में बदलकर अपनी मंथली इनकम में 5,000 से 8,000 रुपये तक की बढ़ोत्तरी कर सकते हैं। नोमुरा रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे वायु प्रदूषण फैलाने वाले पार्टिकल्स सीएनजी वाहन में न के बराबर होते हैं। जो कि शहरों में वायु प्रदूषण को रोकने में भी सहायक होगी।