उत्तराखंड

विधानसभा और सचिवालय बनेंगे अभेद्य किले

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देहरादून। देश के सबसे बडे सूबे उत्तर प्रदेश की विधानसभा भी अब आतंकियों के निशाने से नही बच पा रही है। इससे यह साफ होता है कि सरकार आम जनमानसों की तो किया सुरक्षा करेगी जब सूबे की विधानसभा कि ही सुरक्षित नही है। हाल ही में देश के सबसे बडे सूबे उत्तर प्रदेश की विधानसभा में विस्फोटक मिलने के बाद उत्तराखंड विधानसभा एवं सचिवालय की सुरक्षा चाक-चौबंद कर दी गई है। ऐसी फूल प्रूफ व्यवस्था बनाई जा रही है ताकि गैर जानकारी में परिंदा भी पर न मार सके। इसके लिए विधानसभा का हर कोना सीसीटीवी कैमरा से सजाया जा रहा है ताकि कैमरे की नजर में हर गतिविधि रहे। व्यवस्था यहां तक की जा रही है कि वाहनों के प्रवेश पर भी सख्ती रूख अपनाया जाएगा।

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नई व्यवस्था के अनुसार अब विधानसभा में केवल अधिकृत वाहनों को ही प्रवेश दिया जाएगा। साथ ही विधानसभा में नियमित पास के जरिए आने वालों की एंट्री को भी बायोमेट्रिक से जोड़ी जाएगी। इसके लिए विधानसभा द्वारा व्यवस्था की जा रही है। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल द्वारा विधानसभा सभा एवं प्रशासनिक अधिकारियों की एक बैठक में इस आशय के एक निर्देश दिए गए थे। इसी संदर्भ में विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा का औचक निरीक्षण भी किया ताकि कमियां उनकी जानकारी में आ सकें। यही कारण है कि उन्होंने विधानसभा सुरक्षा को दुरुस्त करने के लिए अहम कदम उठाने के निर्देश दिए थे। कर्मचारियों के अलावा अन्य व्यक्ति जो नियमित रूप से विधानसभा आते हैं और जिनका वार्षिक पास बनता है उन लोगों की भी बायोमीट्रिक एंट्री की जाएगी।

विधानसभा सचिव जगदीश चंद ने कहा कि सचिवालय सुरक्षा को लेकर पहले से ही नियम बने हैं,अब इन्हें सख्ती से लागू किया जाएगा। इसी कड़ी में सचिवालय को भी विधानसभा जैसा ही अभेद्य बनाया जाएगा ताकि अवांछित तत्व सचिवालय में प्रवेश न कर सकें। उत्तराखंड सचिवालय प्रशासन अपने कार्मिकों के अलावा अन्य विभागों के कार्मिकों, बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश के मानक सख्त कर रहा है। पत्रकारों के प्रवेश के लिए भी पुरानी व्यवस्था को बदलने की कार्यवाही शुरू हो गई है।

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