पटना। बिहार में इन दिनों राजनीति का माहौल काफी ज्यादा गर्माया हुआ है। बिहार के उपमुख्यमंत्री और लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव पर बेनामी संपत्ति का आरोप लगने के बाद उनकी कुर्सी पर लगातार खतरा मंडराने लग रहा है। तेजस्वी यादव खुद को बेगुनाह बता रहे हैं। तेजस्वी यादव की दलील है कि जब बेनामी संपत्ती का अधिग्रहण किया गया था तब उनकी उम्र महज 14-15 साल थी और उस वक्त उनकी मूंछ भी नहीं आई थी। लेकिन मूंछ ना आने की तेजस्वी यादव की दलील अब काफी ज्यादा कमजोर पड़ती दिखाई दे रही है। ऐसा इसलिए है क्योंकि बेनामी संपत्ति के कानून में उम्र का कोई महत्व नहीं होता है।
तेजस्वी यादव पर जब से बेनामी संपत्ति का आरोप लगा था तब से उनकी उपमुख्यमंत्री की कुर्सी पर खतरा मंडराने लग रहा है। चारों तरफ से उनके खिलाफ आरोप लगाए जा रहे हैं। बेनामी संपत्ति मामले के बाद तेजस्वी यादव की बर्खास्तगी की मांग की जा रही है और उनपर पद से इस्तीफा देने का दबाव बढ़ रहा है। ऐसे में तेजस्वी यादव ने संबंधित मामले में सफाई देते हुए कहा था कि यह मामला तब का है जब उनकी मूंछ भी नहीं आई थी और तब उनकी उम्र 14-15 साल थी। तेजस्वी का कहना है कि इस उम्र में भला कोई कैसे भ्रष्टाचार कर सकता है लेकिन बेनामी संपत्ति लेनदेन कानून 1988 और 2016 में हुए संशोधन में बेनामीदार की उम्र को कोई महत्व नहीं है।
संशोधन में साफ किया गया है कि बेनामी संपत्ति को केंद्र सरकार द्वारा जब्त किया जा सकता है। वही इस मामले में तेजस्वी यादव के साथ साथ उनकी बहन मीसा भारती का नाम भी शामिल है। लेकिन देखने वाली बात यह है कि बिहार में राजद विधायक तेजस्वी यादव के पक्ष में हैं, लेकिन अब सवाल यह है कि क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तेजस्वी यादव को अपनी कैबिनेट से बर्खास्त करते हैं या नहीं।c