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नायडू: मार्च 2018 तक संघ शासित प्रदेश खुले में शौच से मुक्त

Yogi 22 नायडू: मार्च 2018 तक संघ शासित प्रदेश खुले में शौच से मुक्त

नई दिल्ली। अटल मिशन के अंतर्गत अगले दो वर्षों में दिल्ली में 6.22 लाख घरों में नल से पानी पंहुचाने की सुविधा प्रदान की जाएगी। साथ ही पूर्वी और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम इस साल अक्टूबर तक, उत्तर दिल्ली नगर निगम दिसंबर तक, सभी सातों संघ शासित प्रदेश मार्च 2018 तक खुले में शौच से मुक्त हो जाएंगे। केन्द्रीय शहरी विकास के अनुसार दिल्ली के तीन नगर निगमों सहित 16 शहरी स्थानीय निकायों के लिए उत्तरदायी सातों संघ शासित प्रदेश अगले साल मार्च तक खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) हो जाएंगे। गुरुवार को राजधानी दिल्ली में सम्पन्न नए शहरी मिशनों की प्रगति की दो दिवसीय समीक्षा के दौरान संबंधित सरकारों ने इस आशय की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

Yogi 22 नायडू: मार्च 2018 तक संघ शासित प्रदेश खुले में शौच से मुक्त

केन्द्रीय शहरी विकास और आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्री एम. वैंकेया नायडू की अध्यक्षता में आज उच्च स्तरीय समीक्षा की गई। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल, अंडमान निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल प्रो0 जगदीश मुखी, पुद्दुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी, पुद्दुचेरी के शहरी विकास मंत्री एम. कृष्ण राव तथा दिल्ली के शहरी विकास मंत्री सत्येन्द्र जैन ने इस उच्च स्तरीय समीक्षा में भाग लिया। चंडीगढ़, दमन और दीव, दादरा नगर हवेली और लक्षद्वीप का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किया गया।

वैंकेया नायडू ने सातों संघ शासित प्रदेशों से स्वच्छता, जल आपूर्ति और सीवर तथा किफायती आवास से संबंधित बुनियादी ढांचे में सुधार लाने के लिए बनाए गए विभिन्न शहरी मिशनों के कार्यान्वयन में तेज़ी लाने को कहा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि संघ शासित प्रदेशों को अपने अवरोधों को दूर करने के लिए हर संभव सहायता मुहैया कराई जाएगी, ताकि वे रफ्तार पकड़ सकें।

समीक्षा के दौरान दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने सूचित किया कि कायाकल्प और शहरी रूपांतरण के लिए अटल मिशन (अमृत) के अंतर्गत अगले 2 वर्षों में 6.22 लाख घरों में नल से जलापूर्ति मुहैया कराई जाएगी। वर्तमान में 23.78 लाख घरों में यानी 58 प्रतिशत घरों में पानी के कनेक्शन हैं और अमृत के अंतर्गत इसे बढ़ाकर 73 प्रतिशत किया जाएगा। अमृत के अंतर्गत सीवर कनेक्टीविटी को मौजूदा 57 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत किया जाएगा। नायडू ने दिल्ली के उपराज्यपाल से अनुरोध किया कि वे जलापूर्ति के अंतर्गत पूर्ण कवरेज सुनिश्चित करने के लिए वन और रिज भूमि तथा अनाधिकृत कॉलोनियों से जुड़े मामलों का समाधान करे।

दिल्ली में अमृत के अंतर्गत कार्य की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की, जिसके लिए शहरी विकास मंत्रालय ने वर्ष 2015-20 तक की 5 वर्ष की अवधि के लिए 802 करोड़ रूपये के निवेश को मंजूरी दी है। दिल्ली में स्वच्छता को चिंता का प्रमुख विषय बताते हुए नायडू ने कहा कि दिल्ली सरकार और नगर निगमों को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन तथा नगर निगम संबंधी अपशिष्ट का स्रोत पर ही अलग-अलग करना होगा।

उन्होंने भरोसा दिलाया कि दक्षिणी और पूर्वी दिल्ली नगर निगम इस साल अक्तूबर तक, जबकि उत्तरी नगर निगम इस साल दिसंबर तक खुले में शौच से मुक्त हो जाएगा। 201 व्यक्तिगत शौचालयों में से अब तक केवल 3 की मांग प्राप्त हुई थी, उनका निर्माण किया जा चुका है, इसके अलावा 22891 में से 11138 सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों की आवश्यकता है।

संघ शासित प्रदेशों के 16 शहरी स्थानीय निकायों में से केवल 3 यथा-एनडीएमसी, चंडीगढ़ और पुद्दुचेरी की माहे को अब तक ओडीएफ घोषित किया जा चुका है। समीक्षा के दौरान संबंधित सरकारों ने अगले साल मार्च तक 13 शहरी स्थानीय निकायों को ओडीएफ बनाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। इस बात पर भी चिंता प्रकट की गई कि दिल्ली के तीनों नगर निगमों ने क्रेडिट रेटिंग और पानी के पुराने पंप सेटों की जगह दक्ष उर्जा वाले पंप सेट लगाने से संबंधित कार्य शुरू नहीं किया है। यह आशवासन दिया कि इस बारे में इस साल सितंबर तक ईईएसएल के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। नायडू ने डीडीए और दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड को तेज़ी से और एक साथ काम करने तथा सभी प्रस्ताव जल्द से जल्द भेजने को कहा ताकि मकानों का निर्माण 2022 तक पूरा किया जा सके।

एनडीएमसी से स्मार्ट रोड्स और स्मार्ट पार्किंग, कनॉट प्लेस को पैदल चलने वालों के अनुकूल बनाने आदि जैसी प्रभावपूर्ण परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए उसकी स्मार्ट सिटी योजना के कार्यान्वयन में तेज़ी लाने को कहा गया है। एम वैंकेया नायडू ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद से ही स्वच्छता और दिल्ली के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि बैजल के अनुभव और विवेक से राष्ट्रीय राजधानी के कार्य में मदद मिलेगी।

नायडू ने अमृत के अंतर्गत सभी घरों में नल से जलापूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए चंडीगढ़ की सराहना की। स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत चंडीगढ़ में 50 किलोमीटर साईकिल ट्रैक पहले ही बिछाया जा चुका है और अतिरिक्त 40 किलोमीटर ट्रैक बिछाने का कार्य 18 करोड़ रूपये की कुल लागत पर किया जा रहा है। शहर के 50,000 वाहनों के लिए 25 स्थानों पर स्मार्ट पार्किंग बनाई जा रही है। शहर के अधिकारियों ने सूचित किया कि इस वित्त वर्ष के आखिर तक सेक्टर 43 का पुनःसंयोजन 4,500 करोड़ रूपये की लागत से आरंभ किया जाएगा। चंडीगढ़ की स्मार्ट सिटी योजना को 6,272 करोड़ रूपये की लागत से मंजूरी दी गई है, जो अब तक मंजूर 90 स्मार्ट सिटी योजनाओं में से सबसे अधिक है।

वैंकेया नायडू ने संघ शासित प्रदेशों में अच्छी गुणवत्ता वाली शहरी बुनियादी सुविधाओं के महत्व पर बल दिया। उन्होंने मंत्रालय के अधिकारियों से अनुरोध किया कि वे छोटे संघ शासित प्रदेशों को आवश्यक सहायता प्रदान करना सुनिश्चित करे, ताकि हाल ही में प्रारंभ किए गए शहरी मिशनों के अंतर्गत परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाई जा सके।
रात के समय सफाई कराने से संबंधित सुझाव पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने शुरूआत में नगर निगमों से चिन्हित क्षेत्रों में रात के समय मशीनों से सफाई का काम करने को कहा।

अंडमान निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल प्रो0 जगदीश मुखी ने छोटे संघ शासित प्रदेशों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के अलावा अवरोध मिटाने हेतु 2 वर्ष के लिए परियोजना प्रबंधन इकाइयां लगाने का सुझाव दिया। पुद्दुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने संघ शासित प्रदेश में रेत की उपलब्धता की समस्या का हवाला दिया और कहा कि समय पर शौचालयो का निर्माण करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि एलईडी लाइटिंग जल्द ही पूरी की जाएगी। इस समीक्षा के साथ एम. वैंकेया नायडू ने अब तक 29 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में शहरी मिशनों की प्रगति की समीक्षा का कार्य पूरा कर लिया है।

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