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1993 में हुए मुंबई बम धमाके के आरोपी को लग रहा है मौत से डर

mumbai 1993 में हुए मुंबई बम धमाके के आरोपी को लग रहा है मौत से डर

मुंबई। 24 साल पहले सन 1993 में हुए मुंबई धमाके के दोषी फिरोज को अब मौत से डर लगने लगा है। फांसी की सजा से बचने के लिए वो अदालत से अजीवन कारावास की गुहार लगा रहा है। इसके लिए फिरोज ने अदालत में एक याचिका भी दायर की है। अदालत ने मुंबई हमले में 6 लोगों को दोषी ठहराया है। टाडा अदालत के न्यायाधीश जीए सरप के समक्ष दायर की याचिका में फिरोज का कहना है कि वो फांसी नहीं चढ़ना चाहता। उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई जाए। ताकि वो कुछ समय के लिए अपने बच्चों से मिल सके और वो उसे देख सके। फिरोज का कहना है कि अगर अदालात उसकी गुहार सुन लेती है तो उसके बाद न तो वो कभी अपनी सजा कम कराने की बात करेगा और न ही पेरोल की मांग करेगा।

mumbai 1993 में हुए मुंबई बम धमाके के आरोपी को लग रहा है मौत से डर

बता दें कि पिछले सप्ताह ही अदालत ने 16 जून को अबू सलेम सहित 6 लोगों को दोषी करार दिया था। इस मामले में अदालत कुल 7 लोगों पर सुनवाई कर रही थी। जिनमें से एक को बरी कर दिया गया था। 1993 में हुए मुंबई बम धमाके का सबसे पहला और अहम फैसला 2006 को आया था। उस वक्त 123 लोगों में से 100 को सजा सुनाई गई थी और 100 को बरी कर दिया गया था।

याकूब मेमन को पहले ही दे दी गई थी फांसी

इसी फैसले में याक़ूब मेमन को फांसी की सजा सुनायी गयी थी। याक़ूब 1993 धमाकों में वांटेड टाइगर मेमन का भाई था। याक़ूब मेमन को 30 जुलाई, 2015 को महाराष्ट्र के यरवडा जेल में फांसी दी गयी थी। इन सात अभियुक्तों का फैसला तब नहीं हो पाया था। दरअसल, साल 2006 में टाडा अदालत ने इस केस को दो हिस्सों पार्ट ए और पार्ट बी में बांटा था। कोर्ट को इसलिए ऐसा करना पड़ा, क्योंकि इन सात अभियुक्तों को 2002 के बाद विदेश से प्रत्यर्पित किया गया था, जबकि केस की सुनवाई 1995 से चल रही थी। कोर्ट का मानना था कि इन सातों की सुनवाई भी अगर साथ में होगी, तो फैसला आने में और देर होगी. इसलिए इन सातों की सुनवाई अलग से शुरू की गयी।

फिरोज मोहम्मद दौसा का करीबी है

पुलिस का कहना है कि फिरोज अब्दुल राशिद खान इस केस के मुख्य अभियुक्त मोहम्मद दौसा का करीबी हैं। उस पर हथियारों और धमाके का सामान एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के आरोप हैं। करीमुल्लाह शाह पर भी यही आरोप हैं। 12 मार्च 1993 को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे, जिसमें 257 लोग मारे गये थे और हजारों लोग घायल हुए थे। पुलिस और सीबीआई के मुताबिक, ये षड्यंत्र अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम, टाइगर मेमन, मोहम्मद दौसा और उनके साथियों ने मिलकर रचा था।

अब भी फरार है 27 अभियुक्त

1993 में पुलिस ने कोर्ट में 10 हजार पन्नों का आरोप पत्र दाख़िल किया था, जिसमें 189 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था। इनमें दाऊद इब्राहिम, टाइगर मेमन, संजय दत्त जैसे नाम शामिल थे. 189 में से 123 पर मुकदमा चला और सितंबर, 2006 में सौ लोगों को सजा सुनायी गयी और 23 को बरी कर दिया गया। इस मामले में आज भी 27 अभियुक्त फरार हैं।

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