लखनऊ। बाबरी मस्जिद मामले को लेकर पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्णा आडवाणी और उनके अलावा 12 लोगों पर लखनऊ की विशेष सीबीआई कोर्ट बहुत जल्द आरोप तय कर सकती है और उसके बाद कार्रवाई कर सकती है। पिछली सुनवाई में अदालत ने इन सभी को 30 मई को अदालत में पेश होने के आदेश दिए थे। इस पेशी में आडवाणी, पूर्व मंत्री मुरली मनोहर जोशी और केंद्रीय मंत्री उमा भारती की मौजूदगी महत्वपूर्ण रहेगी। सीबीआई की विशेष अदालत आडवाणी, जोशी, उमा के अलावा सांसद विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा, विष्णु हरि डालमिया, महंत नृत्य गोपाल दास, महंत राम विलास वेदांती, बैकुंठ लाल शर्मा उर्फ प्रेम जी, चंपत राय, धर्मदास और डॉ.सतीश प्रधान के खिलाफ आरोप तय कर सकती है।
बता दें कि 6 दिसंबर 1992 में आयोध्या में बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा गिराने में जो भी मुकद्दमें दर्ज हुए हैं उनमें ये लोग आरोपी हैं। बता दें कि ढांचा गिराने के मामले में रायबरेली की अदालत से लखनऊ की विशेष अदालत में बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी सहित छह आरोपियों के अदालत में पेश न होने के कारण इन पर आरोप तय नहीं हो सके। जिसके बाद अदालत ने 26 मई को विशेष न्यायाधीश सुरेन्द्र कुमार यादव ने आरोप निर्धारित करने के लिए मंगलवार को पेश होने के निर्देश दिए थे।
उसके बाद इन सभी ने अदालत के सामने आरोपी लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, विनय कटियार, विष्णु हरि डालमिया, उमा भारती एवं साध्वी ऋतंभरा ने हाजिरी माफ किए जाने की अर्जी देते हुए मामले की सुनवाई के लिए अन्य तारीख तय किए जाने का अनुरोध किया गया था। सभी ने अदालत में हाजिर न होने के लिए अलग-अलग कारण बताए थे। अदालत ने अर्जी मंजूर करते हुए कहा था कि तय तारीख पर सभी आरोपी व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होंगे।
इतना ही नहीं आरोपियों के खिलाफ बाबरी मस्जिद को लेकर साजिश रचने का भी आरोप लगा है। जबकि दूसर तरफ मुख्य आरोप पत्र के छह आरोपियों के विरुद्ध आरोप निर्धारित किए जाने के लिए विशेष अदालत 25 मई को सुनवाई के बाद 30 मई की तारीख तय कर चुकी है, जिसमें डॉ. राम विलास वेदांती, बैकुंठ लाल शर्मा प्रेम, महंत नृत्यगोपाल दास, धर्मदास, चंपत राय बंसल एवं डॉ. सतीश प्रधान मुख्य हैं। इन सभी छह आरोपियों को अदालत आरोप मुक्त कर चुकी है। अब अगली सुनवाई पर 12 आरोपियों के विरुद्ध धार्मिक उन्माद और वैमनस्यता और षड्यंत्र रचने के आरोप तय किए जाएंगे।