फरीदाबाद । हरियाणा में आंदोलनकारी जाटों से बातचीत करने के लिए सरकार द्वारा गठित 5 सदस्यीय समिति ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट हरियाणा सरकार को सौंप दी है। यह जानकारी मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने सूरजकुंड में एक प्रेस कांफ्रेंस में दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समिति की सिफारिशों का अध्ययन करने बाद ही उचित निर्णय किया जाएगा। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल और उनके काबीना मंत्री मंगलवार की सुबह से यहां सूरजकुंड के होटल राजहंस में डेरा डाले हुए हैं। सूबे के नौ जिलों में पिछले 17 दिन से सरकारी नौकरियों में जाटों को आरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे आंदोलनकारियों ने सरकार की नाक में दम कर रखा है।
गौरतलब है कि पिछले साल सूबे में हुए जाट आरक्षण में कई जिलों में हिंसा का जो तांडव हुआ उससे शांतिप्रिय हरियाणा की छवि देश-विदेश में धूमिल हुई। हिंसा पर उतरे आंदोलनकारियों ने आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया था जिसमें राज्य के कैबिनेट मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के रोहतक स्थित आवास को भी आग के हवाले कर दिया था। उस आंदोलन के दौरान कम से कम 31 लोगों की जान गई थी और आगजनी की घटनाओं में करोड़ों की संपत्ति राख़ हो गई थी। महिलाओं के साथ रेप के आरोप भी लगे थे।
हिंसक आंदोलन की जांच-पड़ताल के लिए सरकार ने प्रकाश सिंह आयोग का गठन किया था जिसने अपनी रिपोर्ट में कई अफसरों को सीधे तौर पर दोषी ठहराया था। रिपोर्ट के पहले हिस्से को सरकार ने सार्वजनिक किया और कुछ अफसरों पर कार्रवाई भी हुई। सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट के दूसरे हिस्से में सरकार के कुछ मंत्रियों और राज्य गृह मंत्रालय के कई अफसरों को भी दोषी ठहराया गया था। लिहाज़ा रिपोर्ट के उस हिस्से को सार्वजनिक नहीं किया गया।