नई दिल्ली। 18 साल पुराने उपहार अग्निकांड मामले में देश की सबसे बड़ी अदालत ने फैसला सुना दिया है…फैसला ये कि गोपाल अंसल को अपनी 1 साल की सजा को पूरा करना होगा और इसके लिए उन्हें एक महीने का समय दिया गया है जबकि सुशील अंसल की उम्र को देखते राहत दी गई है।
तीन जजों की बेंच ने पीड़ितों और सीबीआई की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को कहा, गोपाल बंसल को अपनी बची 6 महीने की सजा पूरा करनी होगा क्योंकि उन्हें उम्र से जुड़ी कोई समस्या नहीं है इसलिए उन्हें छूट नहीं दी जा सकती हालांकि गोपाल करीबन 6 महीने की सजा पहले ही पूरी कर चुके है।
कोर्ट ने साल 2015 में इस मामले पर सुनवाई करते हुए अंसल बंधुओं को तीन महीने के अंदर 30-30 करोड़ रुपए का जुर्माना अदा करने को कहा था और 14 दिसंबर को सुनवाई करते हुए आदेश को सुरक्षित कर लिया था और जेल में बिताए गए उनके समय को सजा के रुप में माना था जिसके बाद उपहार एसोसिएशन की प्रमुख नीलम कृष्णमूर्ति और सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल की थी।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर नाराजगी जाहिर करते हुए नीलम कृष्णमूर्ति ने कहा, ये फैसला निराशाजनक है। कोर्ट आना मेरे जीवन की सबसे बड़ी गलती थी। न्यायपालिका से मेरा भरोसा उठ चुका है। अमीर लोग अपनी शक्तियों का भरपूर इस्तेमाल करते है और परेशानी केवल आम आदमी झेलता है। बता दें कि नीलम कृष्णमूर्ति ने अपनी 17 साल की बेटी और 13 साल के बेटे को उपहार अग्निकांड में खो दिया था और तब से लेकर आज तक वो इस केस से जुड़ी हुई है।
जानिए क्या है उपहार सिनेमा अग्निकांड?
-13 जनू 997 में दिल्ली के ग्रीन पार्क स्थित उपहार सिनेमा हॉल में हिंदी फिल्म बॉर्डर दिखाई जा रही थी।
-तभी वहां पर आग लग गई थी जिसमें 23 बच्चों सहित 59 लोगों की जान चली गई थी।
-करीबन 100 लोग घायल हो गए थे।