featured देश बिहार भारत खबर विशेष

जानिए नीतीश ने कब-कब छोड़ा भाजपा का साथ?

Nitish जानिए नीतीश ने कब-कब छोड़ा भाजपा का साथ?
बिहार में एक बार फिर सियासी बदलाव की खबर है। एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी से नाता तोड़ लिया है। राजनीतिक गलियारों में अब जेडीयू  और आरजेडी के एक बार फिर साथ आने की खबरें हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के घर मंगलवार को हुई बैठक के बाद ये बड़ा फैसला लिया गया. इसके बाद अब बिहार में जेडीयू और लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सहयोग नई सरकार का बनना तय है।
साल 2013 में बीजेपी से तोड़ा था नाता
भाजपा और जेडीयू 1998 में पहली बार एक साथ आए थे। तब से कई बार नीतीश कुमार अपना पाला बदल चुके हैं। साल 2013 में जब भाजपा ने नरेंद्र मोदी को लोकसभा चुनावों की जिम्मेदारी दी तब भी नीतीश कुमार खफा हो गए थे। और 17 साल पुराने रिश्ते को तोड़कर आरजेडी से हाथ मिलाया था।
2015 में बनी महागठबंधन की सरकार
नीतीश कुमार ने साल 2015 में राजनीति के अपने बड़े भाई और पुराने सहयोगी लालू प्रसाद यादव और कांग्रेस के साथ महागठबंधन बनाकर विधानसभा का चुनाव लड़ा। इस चुनाव में बिहार की राजनीति में बदलाव आया और महागठबंधन को बड़ी जीत हासिल हुई।
साल 2017 में फिर बदला पाला
साल 2017 में महागठबंधन में दरार पड़ी। नीतीश ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। उस दौरान भ्रष्टाचार के आरोप में डिप्टी सीएम तेजस्वी से इस्तीफे की मांग बढ़ने लगी थी। बाद में नीतीश कुमार ने कहा था कि ऐसे माहौल में काम करना मुश्किल हो गया था। फिर नीतीश ने भाजपा का साथ लिया और सहयोगियों की मदद से बिहार के सीएम बने।
नीतीश का फिर से बीजेपी से मतभेद क्यों?
साल 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू को कम सीटों पर जीत हासिल हुई थी। बीजेपी ने उन्हें चुनाव में 43 सीटों पर जीत के बाद भी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया, लेकिन महज दो साल बाद ही मतभेद फिर से उभरकर सामने आए हैं। अब चर्चा है कि  लालू यादव की पार्टी आरजेडी और कांग्रेस के सहयोग से नीतीश नई सरकार बना सकते हैं। आरसीपी सिंह से नीतीश कुमार काफी नाराज बताए जाते हैं।

Related posts

दुनिया पर मंडराया कोरोना का खतरा, TMC सांसद ने की इंटरनेशनल उड़ानें रोकने की मांग

Rahul

सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय को जमा कराने होंगे 300 करोड़ रुपये

bharatkhabar

मेरठ MLC चुनाव- बीजेपी के सोमेन्द्र तोमर ने मतदाताओं से किया डोर टू डोर जनसम्पर्क

Hemant Jaiman