धर्म

नवरात्र का दूसरा दिन, मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित, जानें नवरात्रि में इस दिन का क्या है महत्व

मां ब्रह्मचारिणी नवरात्र का दूसरा दिन, मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित, जानें नवरात्रि में इस दिन का क्या है महत्व

हिंदू धर्म में नवरात्रि पर्व का बहुत ज्यादा महत्व है। इस वर्ष के नवरात्रे 7 अक्टूबर 2021 से आरंभ हो चुके हैं। अश्विन मास की शुक्ल पक्ष में पड़ने वाले इन नवरात्रों का आज दूसरा दिन है। इस दिन मां दुर्गा के द्वितीय स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है तो आइए जानते हैं कैसे करें मां को प्रसन्न और क्या है इस दिन का महत्व?

मां दुर्गा का द्वितीय स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी

शास्त्रों के अनुसार मां ब्रह्मचारिणी मां दुर्गा का द्वितीय स्वरूप है। और मां ब्रह्मचारिणी को नवरात्र का दूसरा दिन समर्पित होता है और इस दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना व आराधना की जाती है। मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी की आराधना करने से शक्ति, त्याग, सदाचार, संयम एवं वैराग्य वृद्धि होती है और शत्रु पर विजय प्राप्त करने के लिए मा ब्रह्मचारिणी अत्यंत सहायक होती है। नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की विधि पूर्वक पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं व जीवन में आने वाली सभी परेशानियां व संकट दूर हो जाते हैं। 

क्या है मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का महत्व

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मा ब्रह्मचारिणी मां दुर्गा की सबसे महत्वपूर्ण स्वरूपों में से एक है मां ब्रह्मचारिणी का नाम अर्थ तपस्या और चरिणी यानी आचरण से है। यही कारण है कि मां ब्रह्मचारिणी को तप का आचरण करने वाली देवी माना जाता है।

कैसा है मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप

मां दुर्गा के द्वितीय स्वरूप माँ ब्रह्मचारिणी का स्वरूप मनमोहक है। दाहिनी हाथ में तप की माला और बाएं हाथ में कमंडल धारी मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से जीवन में तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम की प्राप्ति होती है। जीवन की सफलता में आत्मविश्वास अहम योगदान होता है और मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से व्यक्ति की मन में आत्मविश्वास मजबूत होता है, जिससे वह कभी भी आने वाले संकट से नहीं घबराता।

कैसे करें नवरात्रि के दूसरे दिन की पूजा

आज के दिन प्रातः उठकर नित्यकर्मों के सहित होकर स्नान करें, स्वच्छ कपड़े धारण करें पूजा स्थल पर बैठे और मां दुर्गा के द्वितीय स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करें, मां ब्रह्मचारिणी को अक्षत, फूल, रोली, चंदन आदि अर्पित करें व मां को दूध, दही, मधु और शक्कर का स्नान कराएं। इसके पश्चात मां ब्रह्मचारिणी को पान, सुपारी, लौंग चढ़ाएं। व मंत्र उच्चारण सहित हवन कुंड में हवन करें।

Related posts

क्रष्ण जन्माष्टमी पर क्यो लगाया जाता है 56भोग, जाने इसका महत्व

mohini kushwaha

29 अप्रैल 2022 का राशिफल: शुक्रवार का दिन आपके लिए खास, जानें आज का राशिफल

Neetu Rajbhar

रविवार से शुरू होगा रमजान: जामा मस्जिद प्रवक्ता

Rani Naqvi