नई दिल्ली। विपक्ष के लगातार भारी हंगामे और मांग के बाद सत्र के छठवें दिन आखिरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा पहुंचे, प्रधानमंत्री के मौजूदगी के दौरान भी विपक्ष लगातार हंगामा करता रहा। प्रधानमंत्री चुपचाप कार्यवाही को देखते और बहस को सुनते रहे, पर उन्होंने कुछ बोला नहीं। भारी शोर शराबे के चलते कार्यवाही को पूरे दिन तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
इससे पहले राहुल गांधी ने बुधवार को संसद परिसर के बाहर प्रधानमंत्री को संसद में बहस को बुलाने के लिए धरने पर बैठे। इसके साथ ही विपक्ष ने 28 नवंबर को देशभर में नोटबंदी के खिलाफ आक्रोश दिवस के रुप में मनाने का फैसला किया है। प्रधनमंत्री के मौजूदगी के बाद भी संसद में लगातार विपक्ष हंगामा करता रहा।
विपक्ष के हंगामे को लेकर केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि प्रधानमंत्री को बुलाने के लिए विपक्ष काफी दिनों से लगातार हंगामा करता रहा है, पर जब आज प्रधानमंत्री स्वयं मौजूद हैं फिर भी विपक्ष चर्चा नहीं कर रहा बल्कि हंगामा कर रहा है। इस दौरान नायडू ने प्रधानमंत्री की तारीफ करते हुए कहा कि पूरे देश में प्रधानमंत्री के इस कदम की जमकर तारीफ की जा रही है, प्रधानमंत्री गरीबों के मसीहा हैं।
आपको बता दें कि विपक्ष ने भारी हंगामे के बीच सरकार से नोटबंदी के फैसले को वापस लेने की मांग करता रहा। हालांकि सरकार ने पहले भी साफ कर दिया था कि इस फैसले को वापस लेने के बारे में कोई विचार नहीं है, और फिर एकबार केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने साफ कर दिया है कि प्रधनमंत्री किसी भी स्थिति में अपना फैसला वापस नहीं लेने वाले हैं। फैसले को वापस लेना मोदी जी के खून में नहीं है, सरकार अपने फैसले पर कायम रहेगी।