लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राजनीतिक समीकरणों को साधने के लिए बसपा नेता और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र अलग-अलग जिले के दौरे पर हैं। जहां सभा के माध्यम से वह मिशन 2022 को साकार करने में लगे हुए हैं। इसी क्रम में सोमवार को सतीश चंद्र मिश्र प्रयागराज पहुंचे।
राम मंदिर में भाजपा का नहीं योगदान
राम मंदिर भारत और यूपी की राजनीति से कभी भी ज्यादा दूर नहीं रहता। जब तक मंदिर निर्माण नहीं हुआ था, निर्माण को लेकर राजनीति हो रही थी। अब निर्माण शुरू हो गया है तो क्रेडिट लेने के लिए होड़ मची हुई है। इसी क्रम में सतीश चंद्र मिश्र ने कहा कि अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर के पीछे भारतीय जनता पार्टी का कोई योगदान नहीं है।
यह सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर बन रहा है। इतना ही नहीं, उन्होंने प्रदेश के ब्राह्मण समाज को भी यहीं से साधने की कोशिश की। सतीश चंद्र मिश्र ने कहा कि उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण 13% की आबादी में है। अगर सभी एकजुट हो जाएं तो माहौल बदल जाएगा। इसलिए उन्होंने सभी ब्राह्मणों से एकजुट होने की भी अपील की।
बसपा की विचार गोष्ठी
अयोध्या में मतदाताओं को अपनी तरफ मोड़ने के लिए बसपा ने एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया था। इसी तरह प्रदेश के अलग-अलग जिलों में ऐसे आयोजन हो रहे हैं। यहां विशेषकर ब्राह्मण समाज के नेता सभा का हिस्सा बन रहे हैं। इस मंच से प्रदेश सरकार की योजनाओं और नीतियों पर निशाना साधा जा रहा है। प्रयागराज में भी सतीश चंद्र मिश्र ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा लगातार ब्राह्मण समाज के साथ अन्याय कर रही है। उन्होंने कानपुर के बिकरू कांड का भी जिक्र किया और खुशी दुबे का समर्थन करते हुए कहा कि उनका कोई कसूर नहीं है।
दरअसल 2007 में जब बसपा की सरकार बनी थी तो उस समय ब्राह्मण मतदाताओं का बहुत बड़ा योगदान था। एक बार फिर बसपा उसी फार्मूले को 2022 में इस्तेमाल करने की कोशिश में लगी हुई है। हालांकि इस बार समीकरण इतना आसान नहीं है, बीजेपी सत्ता में है और समाजवादी पार्टी भी जमीन पर अपनी पकड़ मजबूत करने में लगी हुई है। इसीलिए आने वाला यूपी विधानसभा चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है।