बुलंदशहर। सरकार के 500 और 1000 रुपए के नोटो पर पाबंदी के बाद बुधवार को लोग जहां एक ओर नोटो को बदलने की जुगाड़ लगाते रहे वहीं उत्तर प्रदेश बुलंदशहर के खुर्जा से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। सरकार ने फैसला सुनाते हुए सभी अस्पतालों को कुछ दिन के लिए इन नोटो के इस्तेमाल ुपर छूट दी थी ताकि किसी भी मरीज को कोई दिक्कत न हों वहीं अब ऐसा लग रहा है कि अस्पताल प्रशासन के लिए जिंदगी से बढ़कर इन नोटो की कीमत हो गई है। जानकारी के मुताबिक 1000 रुपए के पुराने नोट न लेने पर अस्पताल ने उसकी पत्नी की डिलीवरी में देरी कर दी जिसकी वजह से बच्ची की मौत हो गई।
इस मामले पर पीड़ित अभिषेक का कहना है कि वो अपनी पत्नी एकता की डिलीवरी के लिए कैलाश अस्पताल पहुंचे थे। अस्पताल ने उन्हें 10,000 रुपए जमा करने को कहा लेकिन जब उन्होंने 1000 रुपए के नोट मेरे हाथ में देखे तो पैसा जमा नहीं किया। जिसकी वजह उनकी बच्ची की मौत हो गई। हालांकि इस पूरे मामले को लेकर अस्पताल प्रशासन का कहना है कि बच्ची पहले से ही मृत थी अस्पताल में अभी भी 500 और 1000 रुपए के नोट लिए जा रहें हैं।
गौरतलब है कि सरकार के इस फैसले के बाद लोगों को थोड़ी बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन अस्पताल को इस नियम से कुछ दिन के लिए छूट के दायर में रखा है ऐसे में इस तरह की घटना न केवल इंसानियत को शर्मशार करती है बल्कि कई सवाल भी खड़े कर देती है।