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घाटी के माहौल को सुधारने को लेकर यशवंत सिन्हा ने गिलानी से की मुलाकात

Gilani घाटी के माहौल को सुधारने को लेकर यशवंत सिन्हा ने गिलानी से की मुलाकात

श्रीनगर। जम्मू मे बुरहान बानी के मौत के बाद से चल रहे गतिरोध को खत्म करने के प्रयास को जेकर आज भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा और नागरिक समाज के पांच सदस्यीय शिष्टमंडल ने मुगलवार को हुर्रियत कांफ्रेस के नेता सैयद शाह गिलानी से मुलाकात की। आपको बता दें कि आतंकी बुरहान के मौत के बाद से लगातार घाटी में कफर््यू लगा हुआ है, घाटी का माहौल गरम है जिसे सुधारने की पहल को लेकर आज यशवंत सिन्हा ने गिलानी से मुलाकात की।
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गौरतलब है कि घाटी में माहौल थमने का नाम नहीं ले रहा है, अपने मुलाकात से पहले आज संवाददाताओं से बातचीत के दौरान यशवंत सिन्हा ने बताया कि यहां के लोगों की समस्याओं को जानने और दूर करने के प्रयास के लिए हम यहां आए हैं, हमारी पूरीद कोशिश है कि यहां पर सद्भावना और मानवता को वापस लाया जा सके। हम गिलानी सहित अन्य लोगों से मिलने और घाटी में वापिस शांति स्थापित करने का प्रयास करेंगे। हम लोग इस समय मिलकर शांति का हर संभव प्रयास करेंगे। सिन्हा ने आईएएनएस से कहा कि वे मंगलवार से दौरा शुरू कर रहे हैं। उनकी और दूसरे लोगों की मंशा घाटी में सभी लोगों से मुलाकात करने की है।

इस दल में जम्मू एवं कश्मीर में सेवा दे चुके पूर्व नौकरशाह वजाहत हबीबुल्ला, पूर्व एयर वाइस मार्शल कपिल काक, पत्रकार भारत भूषण और कार्यकर्ता सुशोभा बर्वे शामिल हैं। ये अलगाववादी नेताओं से मिलेंगे।उन्होंने कहा, “हम मानवता के लिए यहां आए हैं। हमारा उद्देश्य कश्मीर के लोगों की शिकायतों और दर्द को साझा करना है।सिन्हा ने कहा कि उन्होंने घाटी में कई लोगों से मुलाकात का अनुरोध किया है, लेकिन विस्तृत जानकारी नहीं दे सकते।हालांकि सूत्रों ने  बताया कि प्रतिनिधिमंडल श्रीनगर में तीन दिवसीय प्रवास के दौरान अलगाववादी हुर्रियत कान्फ्रेंस के दोनों धड़ों के प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज उमर फारूक से मुलाकात करेगा।

उनके जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के नेता यासीन मलिक से भी मिलने की उम्मीद है, जिन्हें स्वास्थ्य कारणों से जेल से श्रीनगर अस्पताल में भेजा गया है।
अलगाववादी समूहों से ताजा बातचीत की शुरुआत घाटी में करीब 108 दिनों की अशांति के बाद हुई है। हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी बुरहान वानी के आठ जुलाई को मारे जाने के बाद घाटी में हिंसा भड़क उठी। तब से सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहा है।

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