देहरादून। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी में मची रार को लेकर पहाड़ के सियासी तेवर भी गरम हो गये हैं। यहां पर भी सपा परिवार में बंटे दो धड़ों में एक धड़ा जहां अखिलेश को विकास का सेहरा बंधने में जुटा है तो वहीं दूसरा धड़ा शिवपाल को पार्टी के जनाधार का पिलर बता रहा है। लेकिन दोनों पक्ष नेताजी को सर्वोपरि मान रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में उठे सियासी तूफान ने पहाड़ों की सर्द हवाओं को गरम कर दिया है । प्रदेश में अपनी सियासी जमीन तलाश रही सपा की डर अब और मुश्किल होती जा रही है। यूपी की सियासत में उठे तूफान से सपा के पहाड़ पर सियासत की फसल उगाने के सपने को चाचा-भतीजे की कलह ने तबाह कर दिया है।
सपा के वरिष्ठ नेताओं की माने तो परिवार में उठे इस विवाद के बाद पार्टी को आगामी विधान सभा चुनाव में इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। हांलाकि यहां पर भी अखिलेश का क्रेज और समर्थन काफी है। ऐसे में सपा की उथल पुथल में अखिलेश के नुकसान से सपा के पहाड़ पर नुकसान की ज्यादा सम्भावना है।