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फारूक अब्दुल्ला की दाल नहीं गलने वाली: रविन्द्र रैना

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भारत खबर से विशेष बातचीत में रविन्द्र रैना ने कहा कि जब तक फारुख अब्दुल्ला संविधान का सम्मान नहीं करेंगे तब तक उनपर भरोसा नहीं जताया जा सकता
  • संवाददाता || भारत खबर

जम्मू कश्मीर। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रविन्द्र रैना ने पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के हाल में किसी के हाथों की कठपुतली नबनने के बयानों पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि, उनकी अब दाल राज्य में नहीं गलने वाली है। पाकिस्तान से कोई बातचीत नहीं होगी। पाकिस्तान लगातार सीज फायर कर रहा है। उसका भारतीय सेना मुंहतोड़ जवाब दे रही है।

अगर पाकिस्तान आतंकियों को जम्मू कश्मीर में भेजना बंद नहीं करेगा तो सेना आरपार की लड़ाई करने में सक्षम है। पाकिस्तान पहले ही सर्जिकल स्ट्राइक का खमियाजा भुगत चुका है। फारूक अब्दुल्ला जितना भी कहें। जब तक वह भारत के संविधान का सम्मान नहीं करेंगे। उन पर कोई विश्वास नहीं किया जा सकता है। किसी भी नापाक मंसूबों को भाजपा कामयाब नहीं होने देगी। राज्य में हालात बदल रहे हैं और भाजपा ही आम जनता की पहली पसंद है।

फारुख अब्दुल्ला ने कहा था कि वो किसी के हाथों की कठपुलती नहीं बनेंगे

राज्य से धारा 370 खत्म किए जाने के बाद पहली बार फारूक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया करते हुए बयान दिया है। भारत खबर से बातचीत में उन्होंने कहा है कि वो किसी के हाथ की कठपुतली नहीं बनना चाहते हैं।

आपको बता दें कि 22 अगस्त को छह क्षेत्रीय पार्टियों ने पांच अगस्त 2019 को संविधान के अनुच्छेद-370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म करने के फैसले को असंवैधानिक करार देते हुए फिर से इसकी बहाली के लिए मिलकर संघर्ष करने का ऐलान किया था और इस संबंध में एक घोषणापत्र जारी किया था।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस बाबत कहा था कि, नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, कांग्रेस तथा तीन अन्य दलों ने जो घोषणापत्र जारी किया है वह कोई सामान्य घटना नहीं है, बल्कि अहम घटनाक्रम है।

फारूक अब्दुल्ला ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि वह किसी के हाथों की कठपुतली नहीं बनना चाहते हैं। केंद्र सरकार और सीमा पार के किसी देश के इशारे पर वो काम नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि, वो यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि वो किसी के हाथों की कठपुतली नहीं हैं, न तो नई दिल्ली के और न ही सीमा पार किसी के। वो जम्मू-कश्मीर की जनता के प्रति जवाबदेह हैं और उनके लिए काम करेंगे।

संघर्ष विराम के उल्लंघन पर ठीक जवाब नहीं दे पाये फारुख अब्दुल्ला

हालाकि सीमा पर आतंकवाद के सवाल पर वह कोई ठीक-ठाक जवाब नहीं दे पाए फिर भी उन्होंने कहा कि मैं पाकिस्तान से हथियारबंद लोगों को कश्मीर भेजने से रोकने का आग्रह करूंगा। हम अपने राज्य में रक्तपात को समाप्त करना चाहते हैं उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के नागरिकों की लड़ाई के लिए वह शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को उठाते रहेंगे।

हमारे दोनों देशों के नागरिक मरते हैं: फारुख अब्दुल्ला

फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि जब भी संघर्ष विराम के उल्लंघन की घटनाएं होती हैं तब नियंत्रण रेखा के दोनों ओर हमारे लोग मारे जाते हैं। ईश्वर के लिए इसे रोकिए और मैं चाहता हूं कि इन घटनाओं को रोकने के लिए भारत पाकिस्तान के बीच बातचीत का दौर दोबारा शुरू हो।

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