दुनिया के खत्म होने के कई सारे किस्से और दावे आपने सुने होंगे लेकिन एक बार जो दावा किया जा रहा है। उसमें बहुत दम हैष जिसकी वजह से वैज्ञानिकों को समझ नहीं आ रहा है। वो लोगों को इस मुसीबत से कैसे बचाएं और उन्हें कैसे बचाएं..
चलिए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला?
लगभग 36 करोड़ वर्ष पूर्व हमारी पृथ्वी पर मौजूद पेड़-पौधे और समुद्री जीव-जंतु खत्म हो गए थे। ये हादसा हुआ था ओजोन लेयर में छेद होने के कारण। ये जानकारी आई है एक नई स्टडी में जो साइंस एडवांसेस नाम की मैगजीन में छपी है।इस रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि 36 करोड़ वर्ष पूर्व ओजोना लेयर में छेद होने के कारण साफ पानी के अंदर मौजूद जीवन, पेड़-पौधे, समुद्री जीव-जंतु आदि सब खत्म हो गए थे। धरती पर कई जगहों पर केवल आग ही आग थीभयानक गर्मी थी।
आपको बता दें, ओजोन परत जो हमारे वायुमण्डल में मौजूद है और हमें सूर्य की हानिकारक अल्ट्रावॉयलेट किरणों से हमें हमारी रक्षा करती है। और प्रदुषण बढ़ने के कारण ओजोन परत की मोटाई कम होती जा रही है। अगर ओजोन परत में छेद हुआ तो हमें इसके खतरनाक और भंयकर परिणाम झेलने होंगे। वैज्ञानिकों का दावा है कि अगर उचित कदम नहीं उठाये गये तो हमें 36 करोड साल पहले का भयानक मंजर देखना होगा।
वैज्ञानिकों ने जब रिसर्च किया को कुछ पुरातन पत्थरों के छिद्रों में बेहद सूक्ष्म पौधे मिले। जब इन पौधों का अध्ययन किया गया तो यह खुलासा हुआ कि सूर्य की अल्ट्रावॉलेट रेज से ये जलकर खाक हुए। धरती पर आग लगने से गर्मी अत्यधिक बढ़ गई थी और अंदर ज्वालामुखीय गतिविधियां बढ़ गईं और कई देशों में ज्वालामुखी फट पड़े भयावह तबाही मची थी।
वैज्ञानिकों की तरफ से किये जा रहे इस दावे को लेकर तरह-तरह की बाते हो रही हैं। लोग इतिहास खंगालने लगे हैं।