देश बिहार राज्य वायरल

सामाजिक बदलाव को प्रेरित करने के लिए कविता बन सकती है महत्वपूर्ण हथियार

dfgh सामाजिक बदलाव को प्रेरित करने के लिए कविता बन सकती है महत्वपूर्ण हथियार

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने आज कहा कि कविता सामाजिक बदलाव की प्रक्रिया को तेज करने के लिए एक शक्तिशाली उत्प्रेरक के रूप में काम कर सकती है। नायडू ने आज ओडिशा के भुवनेश्वर में कवियों के 39वें विश्‍व कांग्रेस (डब्ल्यूसीपी) के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि कवियों में प्रभाव डालने और विचारधारा का निर्माण की क्षमता होती है। उन्‍होंने उनसे अपनी इस अनूठी क्षमता का उपयोग लोगों के विचारों, भावनाओं और प्रवृत्तियों को आकार देने के लिए करने का आग्रह किया जिससे कि एक बेहतर विश्‍व का निर्माण किया जा सके। विभिन्न देशों के कवियों ने इस सम्मेलन में भाग लिया।

कलिंग औद्योगिक प्रौद्योगिकी संस्‍थान (केआईआईटी) और कलिंग सामाजिक विज्ञान संस्‍थान (केआईएसएस) को प्रतिभाशाली कवियों का संगम आयोजित करने पर बधाई देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि कवि सम्मेलन की विषय वस्‍तु- “कविता के माध्यम से करुणा” ने उनके हृदय को छू लिया है।

यह देखते हुए कि करुणा हम सभी के लिए जन्‍मजात भावना है, उन्होंने कहा, “हमें निश्चित रूप से इसे महसूस करना चाहिए और और चैतन्‍य रूप से तब तक इसका अभ्यास करना चाहिए जब तक कि यह हमारी आदत न बन जाए और हमारे सारे कार्य, अवचेतन रूप से, करुणा, दया और सकारात्मकता का प्रदर्शन न करे। उन्होंने कहा कि ‘करुणा से करुणा उत्‍पन्‍न होती है।

उपराष्ट्रपति ने उत्कृष्टता के प्रति इसकी प्रतिबद्धता के लिए संस्थान की सराहना की और लाखों आदिवासी लोगों के जीवन को सुधारने और उनमें बदलाव लाने के लिए उनके अथक प्रयासों के लिए इसके उत्‍साही संस्थापक अच्युत सामंत की सराहना की।

नायडू ने कहा कि कविता मानवीय भावनाओं की बेहतरीन अभिव्यक्तियों में से एक है और सबसे गहरी अंतर्दृष्टि, भावनाओं की एक व्‍यापक श्रृंखला व्‍यक्‍त करती है और मानवीय अनुभव को चेतना के उच्चतम स्तर तक पहुंचाती है। उन्‍होंने कहा, ‘’कविता का मानवीय भावनाओं के आंतरिक रसायन पर महान प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि हम कैसे अनुभव करते हैं, हम कैसी प्रतिक्रिया देते हैं और हम कैसे व्यवहार करते हैं- यह सब कुछ बहुत हद तक साहित्य और ललित कलाओं पर निर्भर करता है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि कविता के साथ भारत का साहचर्य इसकी सभ्यता जितनी पुरानी है। उन्होंने महान भारतीय महाकाव्यों रामायण और महाभारत का उल्‍लेख किया और कहा कि वे अब तक लिखे गए काव्य के बेहतरीन नमूनों में से एक हैं, जो अपने विषयों की भव्यता, असाधारण साहित्यिक ऊंचाइयों और संदेशों की गहराई के लिए दुनिया भर में विख्‍यात हैं।

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि एक प्रबुद्ध और स्वस्थ समाज का निर्माण करने के लिए कला और संस्कृति को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि “कला समाज में रचनात्मकता का पोषण करती है। बिना किसी सृजनशील आवाज के समाज निष्क्रिय हो जाएगा। कलाकारों ने जीवन को जीवंत किया। वे हमारे जीवन में बदलाव लेकर आए और उन्‍होंने हमारी धारणा को बदल दिया।

Related posts

हेल्पडेस्क से काशी विश्वनाथ मंदिर आने वाले दर्शनार्थियों को मिलेगी सुविधा -सीएम

mahesh yadav

निर्मला सीतारमण आज फिर करेंगी प्रेस कांफ्रेस, 20 लाख करोड़ का पैकेज कर रही पेश

Rani Naqvi

बिहार में वायरल बुखार हो रहा है जानलेवा, 3 बच्चों की हुई मौत

Neetu Rajbhar